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ट्रंप-किम शिखर वार्ता में मुख्य भूमिका निभा रहे भारतीय मूल के दो मंत्री, जानिए इसके बारे में

किम के साथ करीब 50 मिनट की बातचीत के बाद ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि हमारी बातचीत अच्छी रही।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 10:36 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 11:02 AM (IST)
ट्रंप-किम शिखर वार्ता में मुख्य भूमिका निभा रहे भारतीय मूल के दो मंत्री, जानिए इसके बारे में
ट्रंप-किम शिखर वार्ता में मुख्य भूमिका निभा रहे भारतीय मूल के दो मंत्री, जानिए इसके बारे में

सिंगापुर (एजेंसी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में जारी ऐतिहासिक शिखर वार्ता खत्‍म हुई। मगर, इस मुलाकात में भारतीय मूल के मंत्रियों विवियन बालकृष्णन और के. षणमुगम ने अहम भूमिका निभाई। किम के साथ करीब 50 मिनट की बातचीत के बाद ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि हमारी बातचीत अच्छी रही।

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बैठक से पहले ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते अच्छे होंगे और किम से अच्छी बात होगी। उन्‍होंने कहा कि पुराने मतभेद भूलाकर हम आगे आ चुके हैं। पूरी दुनिया की नजरें इस ऐतिहासिक मुलाकात पर थी। 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद से दोनों देशों के शासनाध्यक्षों की यह पहली मुलाकात है।

इस बीच दोनों राष्ट्र प्रमुखों ने फोन पर भी बात नहीं की है। उत्‍तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने कहा कि यहां पहुंचना आसान नहीं था और बाधाओं को दूर कर हमारी मुलाकात हो रही है।

इस मीटिंग का रास्ता सिंगापुर में भारतीय मूल के दो मंत्री विवियन बालकृष्णन (57) और के षनमुगम ने तैयार किया। सिंगापुर के विदेश मंत्री बालकृष्णन ने हाल के दिनों में वाशिंगटन, प्योंगयांग और बीजिंग की महत्वपूर्ण यात्राएं की। दरअसल, वह चाहते थे कि उनके देश में होने वाली ऐतिहासिक बैठक के लिए आखिरी क्षणों में कोई बाधा नहीं हो।

बालकृष्णन सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं और उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की है। बालकृष्णन ने चांगी हवाईअड्डा पर सोमवार को किम की अगवानी की थी। उन्होंने कहा कि यह बैठक 70 साल के संदेह, युद्ध और कूटनीतिक नाकामियों के बाद हो रही है।

वहीं, षनमुगम कानून एवं गृह मामलों के मंत्री हैं। उनकी जिम्मेदारी थी कि ट्रंप और किम के बीच बैठक में सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोई कमी नहीं रहे। पेशे से वकील 59 वर्षीय षनमुगम भी सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं। षनमुगम ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि दोनों नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है। हमारे पास पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया टीमों जैसे 5,000 होम टीम अधिकारी हैं, जिन्हें ड्यूटी पर लगाया गया है।

बैठक के लिए सिंगापुर सरकार 1. 5 करोड़ डॉलर खर्च कर रही है। प्रधानमंत्री ली सेन लूंग ने कल कहा था कि इसमें से आधा खर्च सुरक्षा पर किया जा रहा है। सिंगापुर सरकार किम के होटल बिल का खर्च उठा रही है। वहीं, ट्रंप का खर्च अमेरिका खुद उठा रहा है। गौरतलब है कि सिंगापुर उन चुनिंदा देशों में से है जिसके अमेरिका और उत्तर कोरिया दोनों से ही घनिष्ठ राजनीतिक संबंध हैं।

खुश दिख रहे थे किम

अक्सर उत्तर कोरिया में भी किम-जोंग-उन अपने सुरक्षा घेरे से कभी बाहर नहीं निकलते हैं, लेकिन सिंगापुर में एक पानी के फव्वारे के पास न केवल वह सुरक्षा घेरे से बाहर निकले बल्कि उन्होंने लोगों के साथ सेल्फी भी लीं। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने इसके चित्र ट्विटर पर डाले। इसमें किम बेहद खुशनुमा मुद्रा में दिखाई दे रहे थे।

वार्ता का उद्देश्य

बातचीत का उद्देश्य उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार के जखीरे के कारण ट्रंप और किम के बीच बनी खाई को भरना है। उत्तर कोरिया की परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल महत्वाकांक्षा ने दुनिया की पेशानी पर बल डाल रखा है।


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