जीवित पिता-पुत्र ने किया श्राद्घ कर्म
संवाद सूत्र, रायगंज : अक्सर समाज में देखा जाता है कि लोग मरने के बाद श्राद्ध कर्म करते है। लेकिन
संवाद सूत्र, रायगंज : अक्सर समाज में देखा जाता है कि लोग मरने के बाद श्राद्ध कर्म करते है। लेकिन रायगंज के दक्षिण गोआलापाड़ा में पिता-पुत्र ने जीवित रहते ही अपना-अपना श्राद्ध कर्म किया। इसे लेकर इलाके में काफी चर्चा हो रही है। इसके लिए पिता-पुत्र ने विधिवत पुरोहित द्वारा षोड्श दान व ब्राह्माण भोज भी कराया। साथ ही सैकड़ों लोगों को आमंत्रित करते भोज भी करवाया। गौरतलब है कि गोआलपाड़ा के निवासी निमाई राय(75) की पत्नी कमला राय को देहांत दस साल पहले हो गया था। इसके बाद वह अपने बेटा व बेटी के साथ समय गुजारने लगा। कुछ दिनों के बाद पुत्री की भी शादी हो गई और वह ससुराल चली गई। पुत्र देवाशीष राय(45) ने शादी नहीं की। पिता-पुत्र दोनों एकाकी जीवन जी रहे है। कुछ दिन पहले दोनों ने विचार किया कि पिता मृत्यु के बाद देवाशीष उनका श्राद्ध कर्म कर देंगे। लेकिन देवाशीष के मरने पर कौन श्राद्ध करेगा। इसलिए पिता-पुत्र ने जीवित रहते श्राद्ध कर्म कर लिए। इस पारलौकिम क्रिया-कर्म का साक्षी समस्य गांव व राय परिवार हुआ।
कैप्शन : श्राद्ध कर्म के लिए पूजन सामग्री