आंदोलन के बीच अध्यापक छात्रों के हित में अपनी सेवा बहाल रखेंगे
संवाद सूत्र रायगंज आदोलनरत रायगंज विश्वविद्यालय के अतिथि अध्यापकों ने धरने पर बैठते हुए भी छात्र
संवाद सूत्र, रायगंज : आदोलनरत रायगंज विश्वविद्यालय के अतिथि अध्यापकों ने धरने पर बैठते हुए भी छात्र हित में सेवा बहाल रखने का सराहनीय निर्णय लिया। इससे आम लोगों में इन अध्यापकों के प्रति सहानुभूति जितनी बड़ी है उतना ही विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आक्रोश भड़कता जा रहा है। शुक्रवार को जहां पूरा शहर व देश नए साल के जश्न में डूबा रहा वहीं रायगंज विश्वविद्यालय के 24 अतिथि अध्यापक कड़ाके की ठंढ में 12 वें दिन धरने पर बैठे रहे। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा घोषित निर्देशनामा के अनुसार जनवरी 2020 से राज्य के सभी कॉलेजों के सेवारत अतिथि अध्यापकों को स्टेट एडेड कॉलेज शिक्षक की श्रेणी में एक वेतनमान के साथ 60 वर्ष तक के लिए नियुक्त किया गया है। लेकिन तकनीकी कारणों से रायगंज विश्वविद्यालय के अधीनस्थ सेवारत 24 अध्यापक इससे वंचित रह गए। इसको लेकर वे 21 दिसम्बर 20 से उपकुलपति के द्वार के सामने दिन रात धरने पर बैठे हैं। हालात को भाफते हुए उपकुलपति अनिल भुईंमाली के निर्देश पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी शुक्रवार को बातचीत किये और इसके समाधान के लिए 30 दिनों की मोहलत मागीं। आदोलनरत अध्यापक इसके लिए राजी तो हो गए लेकिन इस अंतराल में आदोलन जारी रखने पर अडिग रहे। लेकिन धरने पर बैठे रहते हुए भी इस बीच विभागीय प्रधान अथवा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निर्देशित पठन - पाठन, परीक्षा संचालन,उत्तर पुस्तिका मूल्याकन, आदि दायित्वों का पालन पूरे मनोयोग से करने पर सहमति जताई। आदोलन कारियों की ओर से रागिब अली मिनराज ने बताया कि वे अपने हकों के लिए छात्र हित के साथ बेईमानी नहीं कर सकते। इसलिए सेवा और आदोलन साथ साथ जारी रखने का निर्णय लिया है।