सुविधा न मिलने पर सोशल मीडिया पर रायगंज निवासी ने स्वास्थ्य साथी कार्ड की खोली पोल
संवाद सूत्र रायगंज मां की ईलाज के लिए स्वास्थ्य साथी कार्ड को लेकर एक व्यक्ति गैर सरकारी अस्पताल
संवाद सूत्र, रायगंज : मां की ईलाज के लिए स्वास्थ्य साथी कार्ड को लेकर एक व्यक्ति गैर सरकारी अस्पताल का चक्कर काट रहा है लेकिन बीमार बुजुर्ग मा का ईलाज नहीं हो पा रहा है। अब वह व्यक्ति सोशल मिडिया के जरिए अपनी व्यथा को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। आश्चर्य इस बात की है कि यह वीडियो काफी तेजी से वायरल होने के बावजूद किसी हुक्मरान की नजर से ओझिल बना हुआ है। हुआ यह कि रायगंज के गौरी अंचल के रहनेवाले हबीबुर रहमान चिकित्सक के सुझाव पर अपनी बीमार मा को लेकर रायगंज के एक गैर सरकारी अस्पताल में गया लेकिन जब वहां उसने स्वास्थ्य साथी कार्ड दिखाया तो अस्पताल प्रभारी उसे भर्ती लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद हबीबुर का आक्रोश भड़क गया उसने सीधे मुख्यमंत्री और सरकारी योजना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दुआरे सरकार के माध्यम से चिकित्सा सम्मत खर्च वहन करने की गारंटी के लिए स्वास्थ्य साथी कार्ड दिया जा रहा है लेकिन इसका कीमत कागज के टुकड़े के बराबर मालूम पड़ रहा है। मुख्यमंत्री को किसी गरीब के भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के सम्मुख आकर कहा कि स्वास्थ्य साथी कार्ड रहने के बावजूद उनकी मां बिना इलाज के घर में मृत्यु से जूझ रही है। आखों के सामने चिकित्सा के बिना मा को पल पल मरते नहीं देख सकता। हालाकि नìसग होम के प्रभारी गौतम घोष ने इन आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए कोई और बहाना बना रहे हैं उनका कहना है कि गंभीर बीमारी की इलाज वहां संभव नहीं था इसलिए भर्ती नहीं लिया गया। जबकि हबीबुर का आरोप है कि सब कुछ जानकर भर्ती की प्रक्रिया शुरू किया लेकिन कार्ड देखते ही भड़क उठा। इसको लेकर राजनीतिक खेमे में हलचल शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री की घोषणा का हवाला देते हैं तो विरोधी सरकार के चेहरे को बेनकाब होने की बात बता रहे हैं।