निर्वाचित पारूली की तरह सभी विजयी सदस्य झेल रहे है निर्वासन का दर्द
संवाद सूत्र, रायगंज : पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही पूरे बंगाल में तृणमूल का तांडव शुरू हो गय
संवाद सूत्र, रायगंज : पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही पूरे बंगाल में तृणमूल का तांडव शुरू हो गया। हिंसा व आतंक का माहौल ऐसा है कि अभी भी भाजपा के विजयी उम्मीदवार हमले के डर से निर्वासित होकर जिंदगी जी रहे है। रायगंज के शेरपुर अंचल के मुकुंदपुर ग्राम पंचायत की भाजपा की मनोनित सदस्या पारूली हेमब्रम पिछले कुछ दिनों से झारखंड के धनबाद प्रखंड के निरसा में है। मंगलवार को उसने कन्या रत्न को जन्म दिया। पारूली की तरह और भी विजयी उम्मीदवार व कार्यकर्ता है, जिन्होंने अपना घर-बार छोड़कर दूसरे राज्य में रह रहे है। भाजपा के जिलाध्यक्ष शंकर चक्रवर्ती ने पंचायत चुनाव के बाद इलाके की स्थिति दैनिक जागरण से साझा की। गौरतलब है कि झारखंड सरकार की पूर्व मंत्री व भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश नेतृ अर्पणा सेनगुप्त ने आरोप लगाया है कि तृकां के भय से भाजपा की नव निर्वाचित पंचायत सदस्या पारूल हेमब्रम निर्वासित होकर झारखंड में आश्रय लेकर रह रही है। वहां उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया। इस बयान के बाद से उत्तर दिनाजपुर के राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गयी है।
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के रायगंज प्रखंड के अध्यक्ष पुर्णेदू दे ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि नव निर्वाचित सदस्या पहले अपने ही घर में थी। यहीं रहकर नियमित रूप से उन्होंने चिकित्सा करवाया। झारखंड में अपने रिश्तेदार के घर पर प्रसव के लिए गयी थी। यह स्वाभाविक भी है। लेकिन इसे लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह निंदनीय आरोप है।
दूसरी ओर उत्तर दिनाजपुर के जिलाधिकारी अरविंद कुमार मीणा का कहना है कि निर्वाचित सदस्य पारूली हेमब्रम पर किसी तरह के हमले की शिकायत नहीं मिली। जहां तक उनका यहां नियमित इलाज हुआ और वें स्वस्थ्य थी। बकायदा स्थानीय सरकार चिकित्सा केंद्र व जिला स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ चिकित्सायलय में उन्होंने इलाज करवाया।