Move to Jagran APP

बेरांग नदी पर पक्का पुल नहीं, तो इस बार वोट नहीं

कैचवर्ड : जोखिम -हमें दो रूपये किलो चावल के जगह सरकार पक्का पुल दे दें : ग्रामीण -पांच से छ

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 05:20 PM (IST)
बेरांग नदी पर पक्का पुल नहीं, तो इस बार वोट नहीं
बेरांग नदी पर पक्का पुल नहीं, तो इस बार वोट नहीं

कैचवर्ड : जोखिम

loksabha election banner

-हमें दो रूपये किलो चावल के जगह सरकार पक्का पुल दे दें : ग्रामीण

-पांच से छह गांव के लोग कच्चे बांस के पुल से जान जोखिम में रखकर करते हैं यातायात

जागरण संवाददाता,उत्तर दिनाजपुर:स्मार्ट सिटी, सांसदों द्वारा पिछले गांव को गोद लेने जैसे मुहिम को देखकर लगा था कि भारत की तस्वीर बदलेगी। लेकिन उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा ब्लॉक के वेरवरई और धमारगाछ सहित 5-6 गांवों में अभी भी लोग पक्की सड़क व बेंराग नदी पर पुल के लिए तरस रहें है। घर में टीवी तो आ गयी, लेकिन इस गांव से दूसरे गांव में जाने के लिए जान की बाजी लगाकर पुल से गुजरना पड़ता है। कब इस बांस के पुल पर कोई हादसा हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता। इसे लेकर कई बार आंदोलन किया गया। लेकिन अभी तक ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं की गयी। इसे लेकर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का मन बना लिया है। ग्रामीणों के मुताबिक धमालछ,बेरबेरई सहित कई गाव के लोग बारिश के समय में पूरी दुनिया से कट जाते है। हर साल यह बांस का पुल नदी में बह जाता है।

इन गावों के तीन तरफ से बहने वाली डॉक और बेराग नदी के कारण यह क्षेत्र अलग हो जाता है। नदी को आसानी से पार करने का एकमात्र तरीका नाव है। लेकिन ठंड के समय में पानी का स्तर कम होने के कारण, नदी को बास के पुल से पार करना संभव है, लेकिन बारिश के मौसम में, ये नदियां खतरनाक हो जाती हैं। फिर परिवहन का एकमात्र साधन नाव है। छात्रों और बीमार लोगों को नदी पार करने में मुश्किल समय होता है। स्थानीय प्रशासन से लेकर नेताओं- मंत्रियों से बार-बार अपील की गई। लेकिन कोई हल नहीं निकला। पुल बनाने के लिए दो-तीन बार इलाके की निरीक्षण करने के बाद उसने आशा की एक झलक देखी। लेकिन उसके बाद कोई कार्य नहीं हुआ। स्थानीय निवासी अनारुल हक ने कहा कि हमारी एक ही मांग है, वह है पक्का पुल। हमें दो रुपये किलो चावल की जरूरत नहीं है। हम रोजना जरूरत के सामान तथा काम के लिए बाहर निकलते है, ऐसे में मार्ग ही ठीक नहीं रहेगा, तो घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा। सभी अपनी जान जोखिम में रखकर बाइक व गाड़ी लेकर इस कच्चे पुल से गुजरते है। यदि पुल नहीं बनेगा, तो हम वोट नहीं देंगे।

इस संबंध में चोपड़ा पंचायत समिति के अध्यक्ष अज़हरउद्दीन ने कहा कि पुल बनाने की माग वेरवेरी क्षेत्र के लोग लंबे समय से कर रहे है। स्थानीय विधायक हमीदुल रहमान ने अपनी मागों को प्राथमिकता देते हुए नवंबर माह में ही कई बार फोन किया। चुनाव की घोषणा के कारण सभी अब बंद हैं। हम चुनाव के बाद इस पुल पर काम शुरू करेंगे।

कैप्शन : कच्चे पुल से वाहन लेकर गुजरते ग्रामीण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.