नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर लैंडलूजर का प्रदर्शन
-आदोलन को भाजपा ने भी दिया समर्थन जिला उपाध्यक्ष ने दिया धरना जागरण संवाददाता उत्तर दिनाजपुर
-आदोलन को भाजपा ने भी दिया समर्थन, जिला उपाध्यक्ष ने दिया धरना
जागरण संवाददाता , उत्तर दिनाजपुर । तीस्ता परियोजना के लिए दिए गए जमीन के जमीन मालिकों द्वारा स्थाई नौकरी की माग को लेकर इस्लामपुर में तीस्ता परियोजना कार्यालय के सामने धरने प्रदर्शन कर रहे लैंड लूजर के आदोलन को समर्थन भाजपा ने दे दिया है। इस आदोलन को इसके साथ ही बल और भी मिल गया है भूमि दाताओं के साथ भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सूरजीत सेन बैठ गए। जमीन मालिकों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है क्योंकि उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने और कोविद टीका नहीं लगाने का चेतावनी जमीन मालिकों ने दी है बुधवार को पूरे कार्यालय परिसर में हंगामा मच गया। वे पश्चिम बंगाल लैंडलूजर इसी यूनियन उत्तर दिनाजपुर जिला समिति के बैनर तले इस्लामपुर तीस्ता परियोजना के कार्यकारी अभियंता को एक ज्ञापन सौंपने के लिए आए, जिसमें सैकड़ों एकड़ जमीन के नुकसान का कार्ड बनाने और नौकरी पाने तक मासिक भत्ता देने के एक साल के भीतर नौकरी देने सहित कई मागें शामिल थी। जमीन से बेदखल हुए लोग गुस्से में थे कि नौ ज्ञापन देने के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं हुई। हर बार उन्हें मौखिक आश्वासन दिया जा रहा है। उस विभाग में एक सौ बीस पद खाली हैं लेकिन वे अपने वादों के बावजूद वहा नहीं भरे जा रहे हैं। इसलिए यदि वे अपनी मागों को पूरा नहीं करते हैं, तो वे वोट का बहिष्कार करेंगे और भूख हड़ताल में शामिल होंगे। उन्होंने यहा तक कहा है कि अगर इसे अनिवार्य किया जाता है तो वे कोविद के टीके का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने शिकायत की कि यह स्पष्ट है कि तीस्ता विभाग और सरकार उदासीन थे। वे लोगों की समस्याओं को हल नहीं करना चाहते हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि देश में तीसरी सबसे बड़ी तीस्ता परियोजना के लिए जमीन देने के बाद भी इन भूमि हारे हुए लोगों को वर्षो से नौकरी नहीं मिली है, जिसके लिए वे लगातार आदोलन कर रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरजीत सेन भी धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वामपंथियों को वाम काल से न्याय नहीं मिला है। यहा तक कि वर्तमान सरकार भी इस संबंध में कार्रवाई करने में असमर्थ है। लेकिन उस समय जमीन और नौकरियों की कीमत का वादा किया गया था। दस-बारह साल तक लड़ने के बाद भी कोई उनकी बात नहीं सुन रहा है। कई अपनी कामकाजी उम्र के अंत तक पहुंच चुके हैं। इसलिए हम उनकी माग का समर्थन करते हैं। इस मामले को केंद्रीय मंत्री और जिला सासद देबाश्री चौधरी के साथ भविष्य में भी मीटिंग कराई जाएगा ताकि वे किसी भी तरह से अधिकारों से वंचित न रहें।