सबुज शिशु संस्था ने वसुंधरा को हरा-भरा रखने का लिया संकल्प
कैचवर्ड विश्व पर्यावरण दिवस -एक साल पौधा सुरक्षित रहने पर दिया जाता है प्रमाण पत्र -पौधे के
कैचवर्ड : विश्व पर्यावरण दिवस
-एक साल पौधा सुरक्षित रहने पर दिया जाता है प्रमाण पत्र
-पौधे के नामकरण परिवार के प्रियजन के नाम पर होता है
संजीव झा,रायगंज: धरती की हरीतिमा को बढ़ाकर शस्य श्यामला वसुंधरा के सौन्दर्य की अनुपम छटा बिखेरने और पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर रायगंज के कॉलेज पाड़ा स्थित 'सबूज शिशु'नामक स्वेच्छासेवी संस्था की भूमिका अनुप्रेरक रही है। संस्था की ओर से प्रत्येक वर्ष सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञप्ति जारी कर इच्छुक व्यक्तियों का नाम पंजीकृत किया जाता है। इसके बाद संस्था के सदस्य घर-घर जाकर नि:शुल्क पौधे वितरण करते है।आग्रही व्यक्ति को पौधे के लालन-पालन का दायित्व दिया जाता है। यदि एक वर्ष बाद उनका पेड़ सुरक्षित रहा तो संस्था की ओर से उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। पौधे में महोगनी,बकुल,कृषणचूड़ा , सेमल, आदि के साथ साथ फल और सदाबहार फूल के पौधे उल्लेखनीय है। पौधे का नामकरण उस परिवार के प्रिय जनों के नाम पर होता है ताकि उससे भावात्मक लगाव बना रहे और देखभाल ठीक से हो पाए।
संस्था का सचिव अभ्रनील राय ने कहा कि मानवीय अतिवादी प्रवृत्ति के कारण पृथ्वी पर से हरियाली लुप्तप्राय होता जा रहा है. इससे न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का द्वारा हुआ है। बल्कि पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है और इसका सीधा असर जन - जीवन पर देखा जा सकता है। इसलिए यह संस्था विगत तीन वर्षो से वृक्षारोपण कार्यक्रम को बड़े ही संजीदगी से चला रही है। प्रत्येक वर्ष दस हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा जाता है।आगामी दिनों में इसे और वृहद स्वरूप देने का निश्चय किया गया है। संस्था में हर उम्र के स्त्री पुरुष मिलाकर पचास से अधिक सदस्य है, जो नि:स्वार्थ सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते है। आगामी दिनों में अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। इस कार्य योजना का क्रियान्वयन पूरे उत्तर दिनाजपुर जिला भर में हो रहा है। इस संस्था की विशेषता यह है कि पौधे लगाने के बाद से पेड़ बड़े होने तक की सुनिश्चितता को जाहिर किया जाता है। क्योंकि पौधारोपण के नाम पर खानापूíत तो सरकारी व गैरसरकारी उद्यमों से तो अक्सर होती रहती है लेकिन कुछ दिनों बाद उसका नामोनिशान नहीं मिलता। यह संस्था इस पर पूरी निगरानी रखती है। यदि किसी कारण से पौधे सूख जाते हैं तो वहां पुन: दूसरा पौधा लगाया जाता है। संस्था के सदस्य सौमेन साहा, सौरभ तालुकदार, देवज्योति देवनाथ, संचाली पाल सुजय मुंशी ,तितास सरकार ने इस कार्य को लेकर काफी उत्साहित दिखे।
कैप्शन : पौधे के साथ प्रमाण पत्र देते हुए संस्था के सदस्य