स्कूल के प्रति लगाव बढ़ाने के लिए बनाया गया चिड़ियाखाना
-1957 में स्थापित हुआ था स्कूल -विद्यालय में चिड़ियाघर व व्यायामशाला से छात्रों की उपस्थिति में
-1957 में स्थापित हुआ था स्कूल
-विद्यालय में चिड़ियाघर व व्यायामशाला से छात्रों की उपस्थिति में हुआ भारी इजाफा
जागरण संवाददाता, उत्तर दिनाजपुर : अक्सर नन्हे-मुन्ने बच्चे स्कूल जाने के नाम से रोते बिलखते है। स्कूल चले भी जाए तो उसे वह जेल जैसा लगता है। घर से किसी को आते ही उनके सांस में सांस आती है। तीन-चार घंटा स्कूल में बिताना उनके लिए काफी चुनौती भरा रहता है। इसे देखते हुए उत्तर दिनाजपुर के ग्वालपोखर दो ब्लॉक में शकुंतला हाई स्कूल के प्रबंधन कमेटी ने नया प्रयोग किया गया। स्कूल में चिड़ियाखाना, रंग-बिरंगे पौधे, इक्वेरियम, व्यायाम आदि की व्यवस्था की गयी है। चिड़ियाखाना में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देखकर छोटे-छोटे बच्चों का मन रमता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 साल में स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में नव कुमार शाकारी के कार्यभार संभालने के बाद देखा कि छात्र स्कूल से दूर जा रहे है। किसी तरह बच्चों को स्कूल से जोड़ने का उन्होंने ठान लिया।बाद में उन्होंने विद्यालय में कुछ प्रयोग करने के लिए प्रबंधन कमेटी से इजाजत मांगी। बच्चों के मनोविज्ञान व पसंद के अनुसार स्कूल को सजाया-संवारा गया। स्कूल के वर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापक खगेंद्रनाथ सिंह ने कहा इन सभी पहल से ही स्कूल में छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। हालाकि उन्होंने इसके लिए उनसे पहले जो प्रभारी प्रधानाध्यापक नव कुमार शाकारी को पूरा श्रेय दिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1957 में स्कूल की स्थापना हुई थी। बुनियादी ढांचा के अभाव में 50 फीसदी छात्र भी उपस्थित नहीं रहते थे। अभी कक्षा वन से प्लस टू हो गया है। अभी 90 फीसदी से ऊपर छात्र उपस्थित रहते है। छोटे-छोट बच्चे चिड़ियाखाना को देखकर खुश होते है, तो बड़े बच्चे खाली समय में व्यायाम भी करते है।
कैप्शन : स्कूल परिसर में चिड़ियाघर