घर-घर में प्लास्टिक डस्टबिन सौंपने का कार्य शुरू, नगरपालिका के 30 हजार परिवारों को दिया डस्टबिन
पर्यावरण प्रदूषण समेत विभिन्न खतरे अब कचरे से घिरे हैं जिसमें अपचायक कचरे में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का बड़ा खतरा होता है। इससे अपशिष्ट कचरे को इकट्ठा कर उसका प्रसंस्करण कर ईट और जैविक उर्वरक बनाने की योजना को लागू किया जाएगा।
संवाद सूत्र, कालियागंज: कालियागंज नगरपालिका ने शहरवासियों के घर-घर में प्लास्टिक डस्टबिन सौंपने का कार्य सोमवार से शुरू किया। इससे अपशिष्ट कचरे को इकट्ठा कर उसका प्रसंस्करण कर ईट और जैविक उर्वरक बनाने की योजना को लागू किया जाएगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत डस्टबिन वितरण कार्य का शुभारंभ सोमवार को किया गया। इस अवसर पर नपा प्रशासक काíतक पाल प्रशासकीय मंडली सदस्य बसंत राय,नपा निर्वाही अधिकारी आशुतोष विश्वास, नपा वित्त अधिकारी छोटू अग्रवाल, नपा सेनेटरी इंस्पेक्टर सुरजीत कोइरी, पूर्व पार्षद अमित देगुप्ता समेत काफी संख्या में नपा कर्मी मौजूद थे।
घरेलू कचरे को स्टोर करने के लिए दिया डस्टबिन
नगर पालिका ने दो प्रकार के कचरों को फेंकने के लिए शहरवासियों को जोड़ा डस्टबिन बाल्टी आकार का ढकना युक्त वाला डस्टबिन का इस्तेमाल घरेलू कचरे को स्टोर करने के लिए दिया है। सुबह नगरपालिका की सफाई वाहन या वैन इलाकावासियों के घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करेगी।
बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का बड़ा खतरा होता है
कालियागंज शहर नपा प्रशासक कार्तिक पाल ने बताया कि राज्य के शहरी विकास विभाग का एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में धनी आबादी वाले क्षेत्रों में अपशिष्ट एक बड़ी समस्या है, कचरे की मात्रा दिन दिन बढ़ती जा रही है। पर्यावरण प्रदूषण समेत विभिन्न खतरे अब कचरे से घिरे हैं जिसमें अपचायक कचरे में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का बड़ा खतरा होता है।
सभी परिवारों को नगरपालिका दो डस्टबिन सौंपेगी
समय के साथ तालमेल रखने के लिए राज्य ने वैज्ञानिक तरीके के अनुसार इस कचरे को नष्ट कर के अपचनीय कचरे से ईंट जेसी निर्माण सामग्री बनाने की योजना बनाई है। वहीं कहा-कालियागंज के कुल 17 वार्डो में 30 हजार परिवार रहते हैं, इन सभी परिवारों को नगरपालिका दो डस्टबिन सौंपेगी।