15 दिन के भीतर सास-ससुर और पति की कोरोना से मौत
- परिवार के लोगों की मौत से टूट चुकी है झूमा घोष दिन गुजारने को दूसरों की आस संव
- परिवार के लोगों की मौत से टूट चुकी है झूमा घोष, दिन गुजारने को दूसरों की आस
संवाद सूत्र, रायगंज :महज एक पखवाड़े के अंदर एक परिवार के तीन सदस्य कोरोना के भेंट चढ़ गए। देखते देखते गृहवधू जिंदा लाश बन गई। मुशीबत की भंवर में फंसी उस अबला को अब दिन गुजारने के लिए दूसरों के मुंहताज बनने की नौबत आ गई है। यह दर्द भरी दास्तान रायगंज शहर के देवीनगर इलाके के महाराजा कॉलोनी की है जहा? हाल ही में भोला घोष नामक युवक कोरोना के चपेट में आकर काल के गाल में समा गए। एक सप्ताह बाद उसके पिता विमल घोष भी कोरोना के भेंट चढ़ गए। उसके चार दिन बाद दिवंगत भोला की मा? की देहात कोरोना की वजह से हो गई। घर में एक मात्र बची भोला की पत्नी झूमा दास बेसहारा होकर रह गई। बताया जाता है कि यही तीन लोग आय उपार्जन के स्त्रोत थे, जो अब नहीं रहे। झूमा के पति व्यवसाय करते थे जो कोरोना काल में चौपट हो गया। सास और ससुर पेंशनभोगी थे, जिनके आय से घर का खर्चा चलता था। इन तीनों के आकस्मिक निधन से एकाएक लाचारी के सागर में गोते खाने लगी। एक पुत्री के साथ उसकी कैसे होगा गुजारा, यह सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते।
स्थानीय पार्षद प्रसेनजीत सरकार ने बताया कि रायगंज की यह सबसे हृदय विदारक घटना है। गृहवधू झूमा की सहायता के लिए जितना संभव होगा किया जाएगा। झूमा ने बताया कि उसके साथ जो हादसा हुआ, अकल्पनीय था। इससे दूसरों को सबक लेकर सतर्कता अवलंबन करना चाहिए। क्योंकि अभी भी कई लोग कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक एहतियात को मजाक समझ रहे हैं और कोविड स्वास्थ्य विधि का मखौल उड़ा रहे हैं।
कैप्शन : बेबस झूमा घोष