निपाह के कारण कृषकों के लिए आम बना जी का जंजाल
-आम भंडारण व संरक्षण की नहीं है व्यवस्था -लंगरा आम चार-पांच रुपये किलो के हिसाब से भी न
-आम भंडारण व संरक्षण की नहीं है व्यवस्था
-लंगरा आम चार-पांच रुपये किलो के हिसाब से भी नहीं बिक रहे
संवाद सूत्र, रायगंज : आम फलों का राजा माना जाता है। लेकिन निपाह नाम के वायरस ने कारण यह आम किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है। इस साथ रायगंज में अधिक आम का उत्पाद हुआ। लेकिन उस परिणाम में इसकी मांग नहीं है। किसानों का एक ओर ऋण का बोझ है, दूसरी ओर सरकार की उदासीनता के कारण किसान आत्महत्या का मन बना रहे है। जिला के रायगंज, कालियागंज, हेमताबाद, ईटाहार, करनदीघी एंव इस्लामपुर प्रखंडों में इस बार काफी मात्रा में आम का उत्पादन हुआ।
उत्तर दिनाजपुर जिला उद्यान पालन विभाग के अनुसार इस बार 45 हजार मैट्रिक टन आम का फलन हुआ है। लेकिन खरीददारों का अता-पता नहीं है। अन्य राज्यों के ग्राहक ऑडर रद्द कर चुके है। इसका निर्यात पूरी तरह ठप है। लेंगरा आम 4-5 रुपया किलो भी कोई नहीं ले रहा है। स्थानीय लोग भी निपाह के डर से आम खरीद नहीं रहे है। बागानों और गोदामों में आम सड़ रहे है। जिला में आम संरक्षण व भंडारण की व्यवस्था भी नहीं है। इसके कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है।
जिला उद्यान पाल विभाग के अधिकारी ने बताया कि निपाह वायरस के भय से आम बिक्री कम हो रही है। सरकारी तौर पर निर्यात बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
कैप्शन : बाजार में आम