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बांग्लादेश से मेदिनीपुर पहुंचे 2100 श्रद्धालु

संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के मियां बाजार स्थित जोड़ा मस्जिद मे

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 07:00 PM (IST)
बांग्लादेश से मेदिनीपुर पहुंचे 2100 श्रद्धालु
बांग्लादेश से मेदिनीपुर पहुंचे 2100 श्रद्धालु

संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर के मियां बाजार स्थित जोड़ा मस्जिद में आयोजित हजरत सय्यद शाह मुर्शेद अली अल कादरी के सालाना उर्स में शामिल होने के लिए शनिवार की सुबह बांग्लादेश से 2100 से अधिक श्रद्धालु विशेष ट्रेन से मेदिनीपुर पहुंचे। इस साल यहां 117वां सालान उर्स मनाया जा रहा है। प्रति वर्ष की तरह एक दिन की धार्मिक यात्रा के बाद श्रद्धालु रविवार की देर रात को इसी विशेष ट्रेन से बांग्लादेश देश लौट जाएंगे। सालाना उर्स में भाग लेने के लिए बांग्लादेश के श्रद्धालु 1903 से आ रहे हैं। तब बांग्लादेश भारत का ही अभिन्न अंग था। हालांकि यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है ।

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शनिवार की सुबह करीब सात बजे बांग्लादेश की यह विशेष ट्रेन मेदिनीपुर पहुंची। स्थानीय नगरपालिका की ओर से सभासद मोउ राय, अनिल दलबेरा, पूर्णिमा पड़िया व रुखइया खातून ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया। आयोजन समिति की ओर से बताया गया कि सय्यद शाह मुर्शेद अली अल कादरी मोहम्मद पैगबर के वंशज थे। 117 साल पहले उनके इंतकाल को ही उर्स के रूप में मनाया जाता है। बांग्लादेश में भी उर्स के प्रति गहरी श्रद्धा है। आयोजन के समय से ही श्रद्धालु यहां आते रहे हैं। इसके लिए बांग्लादेश में अंजुमन कादरी नामक संगठन है। शनिवार को मेदिनीपुर पहुंची ट्रेन में इस संगठन के अध्यक्ष अब्दुल अजीज, सांसद कामरुन नहार चौधरी व शिक्षा मंत्री हाजी कारामत अली भी शामिल थे।

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बीच में कहीं न रुके विशेष ट्रेन : बांग्लादेशी सांसद

बांग्लादेश के सांसद कामरुन नहार चौधरी ने कहा कि वे पिछले सात साल से लगातार यहां आ रहे हैं। स्थानीय नगरपालिका की व्यवस्था व स्वागत से वे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बस एक ही शिकायत है। भारत सरकार को चाहिए कि यह विशेष ट्रेन बांग्लादेश से चल कर सीधे यहां पहुंचे। अभी ट्रेन को जगह-जगह रोका जाता है। जिससे श्रद्धालुओं को यहां तक पहुंचने में काफी विलंब हो जाता है। इस बार हमारी संख्या 2177 हैं। जिनमें 21 ट्रेन से जुड़े स्टाफ हैं। शेष 2156 श्रद्धालु शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उर्स में भाग लेकर रविवार की रात बांग्लादेशी श्रद्धालुओं का जत्था स्वदेश रवाना होगा।


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