सिल्चर एयरपोर्ट पर तृणमूल प्रतिनिधियों को रोकना लोकतंत्र की हत्या है : मंत्री
-एनआरसी से हटाए गये मतदाता के दम पर ही भाजपा सत्ता में आयी थी -एनआरसी तालिका से हटाए हु
-एनआरसी से हटाए गये मतदाता के दम पर ही भाजपा सत्ता में आयी थी
-एनआरसी तालिका से हटाए हुए लोग कहां जायेंगे, जवाब देना होगा भाजपा को
संवाद सूत्र, मालदा : असम के सिल्चर एयरपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस के विधायक व सांसद को रोकना व महिला विधायक के साथ बदसलूकी करना, एक तरह से लोकतंत्र की हत्या है। हम इसके खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में आंदोलन करेंगे। यह कहना है उत्तर बंगाल के विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष का। गुरूवार को वें भूतनी ब्रिज का मुआयना करने आए थे। वें सिल्चर व एनआरसी को लेकर पत्रकारों से मुखातिब हुए।
मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने बताया कि नेशनल रजिस्ट्रार ऑफ सिटिजंस(एनआरसी) की तालिका से यदि असम के मतदाताओं का नाम अवैध बताकर हटा दिया गया। ऐसे में वहां की सरकार भी अवैध साबित हुई। एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार का सिद्धांत अमानवीय है। एनआसी तालिका में 40 लाख, सात हजार लोगों का नाम हटा दिया गया। 40 हजार लोगों को जेल में ठूंस दिया गया। उनका टारगेट है 69 लाख लोगों को हटाना है। असम की जनसंख्या है तीन करोड़ 25 लाख। इतने लोग कहां जायेंगे? इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह रहा है। 2014 में उनके वोट से ही वें सत्ता में आए थे। भाजपा के आठ एमपी जीते थे। 2016 में इसी मतदाता तालिका के आधार पर चुनाव हुआ था। यदि मतदाता सूची गलत है, तो असम का विधानसभा व सरकार भी अवैध है। आठ एमपी भी अवैध है। इन्हें पद त्याग करना चाहिए। हम दो-पांच हजार लोगों की व्यवस्था कर सकते है। लेकिन 40 लाख लोगों की व्यवस्था हमारे बस की बात नहीं।
कैप्शन : मंत्री रवींद्रनाथ घोष