Move to Jagran APP

मालदा का एक ऐसा विवि जिसने परीक्षा से पहले परिणाम किया घोषित, गौड़ बंग विश्वविद्यालय फिर विवादों में

गौड़ बंग विश्वविद्यालय फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय के अधीनस्थ दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर कॉलेज में परीक्षा से पहले परिणाम घोषित करने को लेकर बवाल मचा है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंगारामपुर कॉलेज के प्राचार्य देवव्रत दास को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।

By Edited By: Published: Wed, 07 Sep 2022 06:56 PM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2022 04:40 PM (IST)
मालदा का एक ऐसा विवि जिसने परीक्षा से पहले परिणाम किया घोषित, गौड़ बंग विश्वविद्यालय फिर विवादों में
मालदा में गौड़ बंग विश्वविद्यालय की तस्‍वीर। जागरण फाइल फोटो।

मालदा, संवाद सूत्र। गौड़ बंग विश्वविद्यालय फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय के अधीनस्थ दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर कॉलेज में परीक्षा से पहले परिणाम घोषित करने को लेकर बवाल मचा है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंगारामपुर कॉलेज के प्राचार्य देवव्रत दास को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। गौरतलब है कि भौतिक विज्ञान का प्रैक्टिकल टेस्ट से पूर्व परीक्षा परिणाम अपलोड कर दिया गया।

loksabha election banner

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि दो सिंतबर को भौतिक विज्ञान की प्रैक्टिकल परीक्षा गंगारामपुर कॉलेज में निर्धारित की गयी थी। परीक्षा पहले आयोजित करनी चाहिए थी। एक सिंतबर को गंगारामपुर कॉलेज के बैचलर ऑफ साइंस स्नातक के चतुर्थ सेमेस्टर का रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया। आखिर यह कैसे हुआ? इसे लेकर कॉलेज बनाम विश्वविद्यालय में बहस छिड़ी हुई है। विश्विविद्यालय प्रशासन प्रचार्य देवव्रत दास के उत्तर से संतुष्ट नहीं है।

गौड़ बंग विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विश्वरूप सरकार ने कहा कि गंगारामपुर कॉलेज ने जो काम किया है, वह काफी निंदनीय है। यह जानबूझकर किया गया है। हम प्राचार्य के उत्तर से सहमत नहीं है। हमें पता है कि प्रैक्टिकल परीक्षा दो सिंतबर को आयोजित की गयी थी। इसलिए विवि प्रशासन ने जाच कमेटी गठित करके जांच शुरू कर दी है। गंगारामपुर कॉलेज के प्राचार्य देवब्रत दास ने कहा कि परीक्षा के बाद ही रिजल्ट अपलोड किया गया। शायद उस दिन प्रैक्टिकल की प्रैक्टिस चल रही थी।

वहीं इस घटना को लेकर भाजपा ने  यूनिवर्सिटी पर कटाक्ष किया। दक्षिण मालदा के जिला भाजपा के महासचिव अम्लान भादुड़ी ने कहा कि यह  विश्वविद्यालय और उसके अधीनस्थ कॉलेजों के कार्यप्रणाली की एक पुरानी प्रथा है। ऐसा हमेशा से होता आया है। यह प्रथा लंबे समय से चल रही है और इसे रोकने की जरूरत है। राज्य तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने कहा कि यह गलत है। कॉलेज से चूक हुई है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी। जांच करनी चाहिए कि आखिर गलती कहां से हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.