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मेड इन चायना पर भारी पड़ रहा मेड इन इंडिया

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : देशभर में चायनीज माल के बहिष्कार और मेड इन इंडिया की ओर यु

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 03:32 PM (IST)
मेड इन चायना पर भारी पड़ रहा मेड इन इंडिया
मेड इन चायना पर भारी पड़ रहा मेड इन इंडिया

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : देशभर में चायनीज माल के बहिष्कार और मेड इन इंडिया की ओर युवाओं के बढ़ते प्रभाव का असर पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी में देखने को मिल रहा है। चीन द्वारा पाकिस्तान की हिमायत करना अब लोगों को रास नहीं आ रहा। सोशल मीडिया पर चायनीज प्रोडक्ट के बायकाट का बाजार पर असर दिखने भी लगा है। अब ग्राहक चायनीज सामान को परखने लगे है। यूं कहे तो ठीक रहेगा कि अब मेड इन चायना पर मेड इन इंडिया भारी पड़ने लगा है। ग्राहक यह भी परखने लगे है कि कहीं मेड इन चायना को मेड इन इंडिया तो नहीं बनाया गया है। अमूमन दीपावली से पहले सिलीगुड़ी के बाजार में झालरों और बच्चों के पटाखा वाली पिस्टल, गन आदि के ग्राहकों की भीड़ बाजार में नजर आने लगती थी। इस बार इन दुकानों पर सन्नाटा है। वैसे नया माल तो पहले ही दुकानदारों ने नहीं मंगाया था। उपभोक्ताओं की बेरुखी से पहले का बचा माल बाजार में खपत करने की जो उम्मीद दुकानदारों ने लगा रखी थी अब उस पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है। दुकानदारों का ही कहना है कि लोग कप प्लेट तक खरीदते समय भी पूछ रहे हैं कि चाइना मेड तो नहीं है।

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शहर की बाजार में चाइनीज पिस्टल, गन व अन्य खिलौनों, कप प्लेट व सजावट का सामान तथा गत वर्ष तक घरों को रोशन करने के लिए पहली पसंद रहने वाली चाइनीज झालरों की दुकानें तो सजी हैं लेकिन ग्राहकों का टोटा है। देश प्रेम में पाक की हिमायत करने वाले ड्रैगन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया ने जनजागरूकता की जो मुहिम छेड़ी उसकी गहरी छाप लोगों पर पड़ी है। पुराना माल किसी तरह से खपाने की कोशिश में लगे दुकानदारों को घाटा साफ दिख रहा है। लोगों द्वारा भी चाइनीज के बजाय देशी सामानों को तरजीह दी। उपभोक्ताओं के इस रवैये से दुकानदार हैरान हैं कि कुछ भी खरीदने से पहले ग्राहक उसके मेड इन इंडिया होने के बाबत दरियाफ्त कर रहे हैं। इन हालातों में जो पुराना माल है उसकी खपत कैसे होगी। आम तौर पर हर वर्ष दीप पर्व से पहले ही बाजार में चाइनीज सामान की खरीद के लिए दुकानों पर भीड़ बढ़ जाती थी। लेकिन इस वर्ष ड्रैगन के हौसले पस्त करने के लिए उपभोक्ताओं ने जो संकल्प ले रखा है उससे चाइनीज सामान का बचा खुचा स्टाक निल करने का सपना संजोए दुकानदारों को भी झटका लग रहा है। सजावट के लिए झालरों की दुकानें तो सजी हैं लेकिन ग्राहकों का टोटा नजर आ रह है। बिजली सामान के विक्रेता चंद्र प्रकाश का कहना है कि चाइनीज झालर और बल्ब रोल एक सप्ताह पूर्व ही बिकने लगते थे इस वर्ष तो जैसे बाजार में कोई विपदा आने वाली है। पुरुष से ज्यादा महिलाओं द्वारा चायनीज सामान का बहिष्कार करने की बात सामने आ रही है।


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