दुआरे-दुआरे में जाकर भी कैंसर पीड़ित बच्चे के परिवार का नहीं बना स्वास्थ्य साथी कार्ड
संवादसूत्र मालदा ममता सरकार के दुआरे-दुआरे कार्यक्रम में जाकर भी स्वास्थ्य साथी के लिए आवेदन
संवादसूत्र, मालदा : ममता सरकार के दुआरे-दुआरे कार्यक्रम में जाकर भी स्वास्थ्य साथी के लिए आवेदन करने पर भी कैंसर पीड़ित बच्चे के परिवार का कार्ड नहीं बन पाया। इसके बाद से बच्चे के इलाज में काफी समस्या हो रही है। यहां तक कि उसकी मदद के लिए कोई जन प्रतिनिधि भी आगे नहीं आया। यह घटना मालदा के हरिश्चंद्रपुर थाना इलाके के पिपला गांव की है। इसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा का आरोप है कि तृणमूल लोगों के साथ खेल रही है। वही तृणमूल का कहना है कि चुनाव के समय भाजपा साजिश रच रही है।
सूत्रों के अनुसार तीन साल के बच्चे का नाम शुभ दास है। वही पिता का नाम विष्णु दास है जो पेशे से दूसरे राज्यों में श्रमिक का काम करते है। कोरोना के कारण उसके पिता का काम चला गया। गांव में वापस लौटने के बाद वह किसी प्रकार से वृद्ध माता-पिता, पत्नी व बच्चे का पालन पोषण कर रहा था। अचानक बच्चे के दाहिने वाले कान में कैंसर पकड़ा गया। बच्चे के इलाज के लिए वह गांव के हर घर में गया। कुछ सहायता मिला। लेकिन उसे क्या होने वाला है। उसके ऑपरेशन के लिए बहुत से रुपयों की जरूरत है।
बच्चे के पिता विष्णु दास ने कहा कि मालदा, हरिश्चंद्रपुर, चांचल, काटियार व रायगंज में जाकर इलाज कराया। लेकिन डाक्टर रेडियेशन थिरोपी का परामर्श देकर जल्द से जल्द ऑपरेशन कराने की बात कह रहे है। ऑपरेशन करने के लिए कम से दो लाख रुपये की जरूरत है। स्वास्थ्य साथी कार्ड नहीं होने से निजी नर्सिग होम में उसका इलाज नहीं हो रहा है।
जिला भाजपा के उपाध्यक्ष अजय गांगुली ने कहा कि इस सरकार की समस्त योजना किसी काम की नहीं है। चुनाव हो जाने पर इन सब योजनाओं का पता नहीं चलेगा।
जिला तृणमूल कांग्रेस के संयोजक दुलाल सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य साथी कार्ड एक नियम के मुताबिक की जाती है। कोशिश करेंगे उसके पास रहने का। जल्द से जल्द उसका कार्ड बने, इसके लिए प्रयास करेंगे।