सड़क पर आम फेंककर कृषकों ने किया विरोध प्रदर्शन
-वर्ष 2017 में बिके थे 35 रुपये किलो लंगड़ा आम, इस साल पांच रुपया प्रति किलो -जिले में 31 हजार हेक्
-वर्ष 2017 में बिके थे 35 रुपये किलो लंगड़ा आम, इस साल पांच रुपया प्रति किलो
-जिले में 31 हजार हेक्टेयर जमीन पर आम की बागवानी
संवाद सूत्र, मालदा : मालदा में एक ओर जहां सरकारी तौर पर आम मेला मनाया जा रहा है। वहीं दूसरे ओर आम उत्पादक उचित मूल्य नहीं मिलने पर खून के आंसू रो रहे है। धैर्य का बांध टूट गया तो जिसे महीनों से देखभाल किया था, उस आम को सड़क पर फेंककर विरोध प्रदर्शन व सड़क जाम किया। मालदा के आम उत्पादकों ने रतुआ-भालुका राज्य सड़क पर आम फेंककर विरोध प्रदर्शन करते हुए आम की उचित मूल्य देने की मांग की। सड़क जाम की सूचना मिलते ही रतुआ थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। गुस्साये कृषकों ने पुलिस का भी घेराव करके अपनी मांग रखी।
मालदा जिला में इस साल 31 हजार हेक्टेयर जमीन पर आम की बागवानी हुई। विभिन्न प्राकृतिक आपदा को झेलते हुए भी इस बार आम का अच्छा उत्पादन हुआ। इसी बीच निपाह नामक वायरस के कारण आम का दूसरे राज्यों में निर्यात नहीं हो पाया। लोकल मार्केट में भी मंदी का असर देखा गया। लंगड़ा आम जहां वर्ष 2017 में 35 रुपये प्रति किलो के दर से बिका वहीं इस साल पांच रुपये प्रति किलो के दर से बेचना पड़ रहा है। एक किलो आम के उत्पादन में आठ रुपया खर्च होता है। बाजार पहुंचते पर 11 से 12 रुपया खर्च होता है। आम के उत्पादन के लिए बैंकों से लाखों रुपया ऋण लिया गया है। अब यह पैसा कैसे चुकाया जाएगा। आम उत्पादकों ने बताया कि हमारी स्थिति ऐसी हो गयी है कि लगता है आत्महत्या कर ले। सरकार व प्रशासन इसे लेकर कुछ नहीं कर रही है।
रतुआ के ज्वाइंट बीडीओ शुभंकर आचार्य ने बताया कि हम इस समस्या का ेलेकर उच्च अधिकारी के साथ बात करेंगे।
कैप्शन :आम फेंककर विरोध प्रदर्शन करते कृषक