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आम व्यवसायियों की समस्या को लेकर बुलाई गई प्रशासनिक बैठक

-राज्य के पूर्व बागवानी विभाग के मंत्री कृष्णेंदु चौधरी सहित व्यवसायी संगठनों ने लिया भाग -ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 09:11 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 09:11 PM (IST)
आम व्यवसायियों की समस्या को लेकर बुलाई गई प्रशासनिक बैठक
आम व्यवसायियों की समस्या को लेकर बुलाई गई प्रशासनिक बैठक

-राज्य के पूर्व बागवानी विभाग के मंत्री कृष्णेंदु चौधरी सहित व्यवसायी संगठनों ने लिया भाग

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-बालुरघाट के आम बाजार पर निपाह का साया मंडराया, मंदी की मार झेल रहे है व्यवसायी

जेएनएन, मालदा/ बालुरघाट : आम को फलों का राजा कहा जाता है। लेकिन निपाह वायरस के आतंक के लोग इस स्वादिष्ट व गुणी फल से दूरी बना रहे है। सामने जमाई षष्टी भी है। इसके बावजूद लोग आम को छू नहीं रहे है। लोगों के बीच यह वहम है कि आम खाने से निपाह वायरस का हमला होगा और हमारी मौत हो जाएगी। ऐसी स्थिति को देखते हुए बुधवार को मालदा के जिला अधिकारी कौशिश भट्टाचार्य ने प्रशासनिक बैठक में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में राज्य के पूर्व बागवानी मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी, मालदा मर्चेटस चेंबर ऑफ कॉमर्स के उज्जवल साहा सहित विभिन्न व्यवसायी संगठन व प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

मालदा मर्चेटस चेंबर ऑफ कामर्स के उज्जवल साहा ने बताया कि झूठे अफवाह व सटीक जानकारी के कारण लोग निपाह से आतंकित है। मालदा के आमों की विदेश में खूब मांग थी। लेकिन निपाह के आतंक के कारण इसकी मांग रुक गई है। हमें आम विदेश में भेजने के लिए व्यवस्था करनी होगी।

राज्य के खाद्य प्रक्रियाकरण मंत्री कृष्णेंदु चौघरी ने बताया कि लोगों को सचेत होना चाहिए। लेकिन वें निपाह नामक वायरस से आतंकित हो गए है। ऐसा ठीक नहीं है।

जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने बताया कि आसाम से हमें शिकायत मिली थी कि मालदाह आम को कारवाइट से पकाया जाता है। इस विषय को लेकर हम जांच कर रहे है।

वहीं बालुरघाट के आम बाजार में भी आम व्यवसायियों को निपाह की मार झेलनी पड़ रही है। 2004 से बालुरघाट से रेल परिसेवा चालू होने से मालदा के आम व्यवसायी बालुरघाट के आम बाजार में खदरा व थोक में आम बेचते थे। लेकिन निपाह के कारण चारों तरफ मंदी दिखाई दे रही है। यहां तक कि 20 रुपया किलो के दर से लंगड़ा आम भी कोई ले नहीं ले रहा।

मालदा की आम व्यवसायी अमिना खातून ने बताया कि अन्य वर्षो की तुलना में इस साल अधिक आम का उत्पाद हुआ है। लेकिन उस तुलना में बाजार में मांग नहीं है। निपाह के कारण लोग आम से दूरी बनाए हुए है। इसके हमें आर्थिक नुकसान हो रहा है। बालुरघाट में कृषक चमगादड़ों के डर से फलों को कपड़े व नेट से ढक दे रहे है। चमगादड़ों से फल को बचाने के लिए विभिन्न तरह की उपाया किये जा रहे है।

कैप्शन : 1.प्रशासनिक बैठक में जिलाधिकारी अन्य

2. बालुरघाट का प्रसिद्ध आम बाजार


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