वाममोर्चा के बंद का मालदा में मिलाजुआ असर, नहीं चले वाहन
बेरोजगारी शिक्षा विकास लचर आर्थिक व्यवस्था आदि मुद्दों पर वाम-कांग्रेस का बंद असरदार।
संवाद सूत्र, मालदा: बेरोजगारी, शिक्षा, विकास, लचर आर्थिक व्यवस्था आदि मुद्दों पर वाम-कांग्रेस द्वारा आहूत बंद का मालदा में मिलाजुला असर देखा गया। वाम व कांग्रेस समर्थकों ने जगह-जगह टायर जलाकर वाहनों को रोका। आज शिक्षण व सरकारी संस्थाओं ने अन्य दिनों की तुलना में कर्मचारी कम दिखे। प्राइवेट वाहन न के बराबर देखी गई। यह स्थिति मालदा, चांचल, गाजोल, बुलबुलचंडी, माणिकचक, हरिशचंद्रपुर आदि इलाके में देखी गई। गौरतलब है कि वाम समर्थकों पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़े थे, इसके प्रतिवाद में आज बंद बुलाया गया था। मालदा जिला में वाम-कांग्रेस समर्थकों ने झंडा लेकर प्रदर्शन किया। टोटो को भी जगह-जगह अटका दिया गया। पूरे शहर में पिकेटिंग की गई। कई जगहों बंद समर्थकों ने दादागिरी दिखाई। आम जनता को बंद से काफी दिक्कतें हुई। बंद समर्थकों ने शहर के रथबाड़ी मोड़ इलाके में वाहनों को रोककर प्रदर्शन किया। साथ ही शहर में रैली आदि निकाली गई। साथ ही मालदा-बालुरघाट एक्सप्रेस के रास्ते पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। बंद के संबंध में जिला सीपीएम के सचिव अंबर मिश्र ने बताया कि युवाओं को नौकरी देने के नाम पर नौकरी छीनी जा रही है। कोविड 19 के समय कई युवा बेरोजगार हुए है। आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि हुई है। इसलिए लोगों ने इस बंद को स्वत: समर्थन किया। वहीं जिला तृणमूल के संयोजक दुलाल सरकार ने बताया कि इस बंद को राज्य की जनता ने समर्थन नहीं किया। इसलिए लोग आज अन्य दिनों की तरह सड़क पर दिखाई दिए। बंद के नाम पर वाम संत्रास फैला रही है। जिला में बंद को कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वहीं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अजय गांगुली ने कहा कि जिला में सबकुछ खुला था। बंद को से अर्थव्यवस्था का नुकसान होगा। भाजपा कभी भी बंद का समर्थन नहीं करती।
कैप्शन : टायर जलाकर प्रदर्शन करते वाममोर्चा के सदस्य