आसाढ़ महीने में ही जलमग्न हुआ नौगछिया गांव
-आजादी के 73 साल बाद भी गांव को नसीब नहीं हुआ पक्का रास्ता -जमे जल में धान का पौधा लगाक
-आजादी के 73 साल बाद भी गांव को नसीब नहीं हुआ पक्का रास्ता
-जमे जल में धान का पौधा लगाकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
संवाद सूत्र,मालदा: अभी सावन की बारिश बाकी है। मानसून के शुरूआती दौर में ही मालदा जिले के चांचल थाना का नौगछिया गांव जलमग्न हो गया है। गौरतलब है कि आजादी के 73 साल बाद भी इस गांव को पक्की सड़क नसीब नहीं हुई। इसे लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने जलमग्न इलाके में धान का पौधा लगाकर अपना विरोध प्रकट किया। स्थानीय लोगों ने लेकर जर्जर रास्ते के विषय में पंचायत प्रधान, बीडीओ, एसडीओ से लेकर विधायक तक को शिकायत की गई। यहां तक दीदी के बोलो नंबर पर भी इस विषय में बताया गया। लेकिन यह समस्या जस की तस बनी हुई है। कोरोना के कारण वैसे ही लोगों का जीना मुहाल है। ऐसे में इस हल्की बारिश से पूरा गांव डूब गया है। बतादें कि इस रास्ते से ही छात्रों को श्रीपुर जूनियर हाई स्कूल, प्राईमरी स्कूल आदि स्कूलों में जाना पड़ता है।
इस संबंध में चांचल के एक नंबर ब्लॉक के बीडीओ समीरन भट्टाचार्य ने बताया कि इस विषय में मैं ग्राम पंचायत को सूचित करूंगा। जल्द जर्जर सड़क की मरम्मत की जाएगी।
मालदा जिला परिषद के सभाधिपति गौड़ चंद्र मंडल ने बताया कि कोरोना के कारण बहुत से काम बंद हो गए है। इस रास्ते को शीघ्र ही ठीक करवाया जाएगा। वहीं मालदा जिला के भाजपा उपाध्यक्ष अजय गांगुली ने बताया कि तृणमूल इलाके में किसी तरह का काम नहीं करती है। विकास के नाम पर इलाके में लूटपाट मचाया गया।
कैप्शन : जलमग्न इलाके में धान का पौधा लगाते हुए ग्रामीण