अंधविश्वास के फेर में गई दो बच्चों की जान
-समय पर इलाज होता तो बच्चों की जान बच सकती थी दिपाली विश्वास संवाद सूत्र मालदा विज्ञान यु
-समय पर इलाज होता, तो बच्चों की जान बच सकती थी : दिपाली विश्वास
संवाद सूत्र, मालदा : विज्ञान युग में भी कुछ लोग भूत-चुड़ैल पर विश्वास करते है। इसके कारण मालदा के आलाल ग्राम पंचायत के कदमतला गांव में दो मासूम बच्चों की जान चली गयी। समय पर उन्हें अस्पताल में भर्ती न करवाकर ओझा-गुणी के पास ले गए। अभी भी दो बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने पूछताछ के लिए झाड-फूंक करने वाले को हिरासत में लिया गया है। मृतक बच्चे का मना सफिकुल आलम(05) और फिरोज रहमान (07) बताया गया है। जीवन और मौत के बीच छ साल की काहिनूर और तीन साल की साबनूर खातून जूझ रही है। दोनों को मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मृतक बालक के पिता आब्दुल खाबीर ने बताया कि कदमतली गांव के पास एक बांस का झांड़ है। शुक्रवार शाम को आस-पास के चार बच्चे खेल रहे थे। कुछ देर के बाद सभी बीमार हो गए। इलाके में भूत का प्रकोप है। ऐसा कई बार हुआ है। हम ऐसी स्थिति में ओझा-गुणी के पास ले जाते है। लेकिन मेरा बेटा ठीक नहीं हुआ। अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई। बीमार कोहिनूर के मामा आसिफ शेख से बताया कि गांव में भूत का आतंक है। विधायक दिपाली विश्वास ने बताया कि ग्रामीणों में अभी भी भूत-प्रेत के नाम पर अंधविश्वास है। रहस्यमय तरीके से दो बच्चों की मौत हुई है। यदि समय पर इलाज किया जाता, तो दोनों बच्चों की जान बच सकती थी।
गाजोल के ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी सुजन अधिकारी ने बताया कि हमें इस घटना की सूचना मिली है। हमें लगता है कि बांस के झाड़ के आस-पास खेलते समय बच्चों ने कुछ विषाक्त फल खाया होगा। विष क्रिया के कारण ऐसी स्थिति हो सकती है। पूरी बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगी। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हम पूरे मामले की जांच कर रहें है।
कैप्शन : अस्पताल में भर्ती बच्ची