बंगाल में चक्रवात से 15,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान, मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य सचिवालय नवान्न में चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने और मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों व राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और राहत कार्यों को लेकर उन्हें जरूरी निर्देश दिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में चक्रवात 'यास' से प्राथमिक तौर पर 15,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है। 1.16 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य सचिवालय नवान्न में चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने और मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों व राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और राहत कार्यों को लेकर उन्हें जरूरी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने चक्रवात पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से 'दुआरे त्रान' (दरवाजे पर राहत) नामक प्रकल्प की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह 'दुआरे सरकार' (दरवाजे पर सरकार) प्रकल्प का ही हिस्सा होगा। इसका लाभ लेने के लिए चक्रवात प्रभावित तीन से 18 जून तक सीधे तौर पर आवेदन कर सकते हैं। 19 से 30 जून तक सरकार की तरफ से आवेदनों की स्क्रूटनी की जाएगी ताकि सही मायने में जो जरूरतमंद हैं, उनकी मदद की जा सके। इसके बाद एक से आठ जुलाई के बीच सीधे तौर पर आवेदकों के बैंक खाते में मुआवजा राशि जमा करा दी जाएगी।
एक साथ इतने तटबंध टूटने पर ममता ने जताई नाराजगी, जांच का दिया निर्देश
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात से एक साथ इतने तटबंधों के टूटने पर नाराजगी जताई। उन्होंने उनके निर्माण की प्रक्रिया व गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए वित्त विभाग को इसकी जांच करने का निर्देश दिया। ममता ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से सवाल किया कि आखिर बार-बार तटबंध क्यों टूट रहे हैं? गुरुवार को भी कई तटबंध टूटे हैं। सरकार की तरफ से उनके निर्माण व मरम्मत के लिए इतने रुपये दिए जाते हैं फिर भी ऐसा हाल क्यों है?
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तूफान के बाद तबाही का मंजर
बंगाल के विभिन्न जिलों में तूफान के बाद अब तबाही का मंजर है।पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों के दर्जनों गांव पानी में डूबे हुए हैं। लोग खुले आसमान के नीचे बैठे हैं। बहुतों के पास खाने-पीने को अन्न का एक दाना तक नहीं है। चक्रवात के बाद शुरू हुई बारिश ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है। विभिन्न जगहों पर अब तक राहत नहीं पहुंच पाई है।
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बंगाल के तीन विख्यात पर्यटन दीघा, बकखाली और मंदारमनी तबाह
बंगाल के तीन विख्यात पर्यटन दीघा, बकखाली और मंदारमनी तबाह हो चुके हैं। उनका खूबसूरत समुद्री तट वीभत्स नजर आ रहा है। वहां लगीं दुकानें उजड़ गई हैं। होटलों में समुद्र का पानी भर गया है। भारी बारिश से गुरुवार को पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों में कई और तटबंध टूट गए, जिससे कई और गांवों में पानी घुस गया है। गांव तो गांव, महानगर कोलकाता के भी नदी किनारे वाले कई इलाके जलमग्न हैं। कालीघाट इलाके में भी पानी जमा हुआ है।