सरकारी अस्पतालों में इलाज को अब दिखाना होगा डिजिटल राशन कार्ड
दूसरे राज्यों से यहां आकर मुफ्त में इलाज करवाने वाले मरीजों को रोकने के मकसद से राज्य सरकार की ओर से अब सरकारी अस्पतालों में डिजिटल राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है, जिसे आगामी 15 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : दूसरे राज्यों से यहां आकर मुफ्त में इलाज करवाने वाले मरीजों को रोकने के मकसद से राज्य सरकार की ओर से अब सरकारी अस्पतालों में डिजिटल राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है, जिसे आगामी 15 जनवरी से लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए खास तौर पर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी गई। बताया गया है कि महानगर व राज्य के अन्य हिस्से में रहने वाले ज्यादातर लोग अपने परिजनों को दूसरे राज्यों से यहां बुलाकर पार्षद या किसी अन्य जनप्रतिनिधि से उनके पहचान संबंधी दस्तावेज बनवाकर मुफ्त में चिकित्सा लाभ लेते थे लेकिन अब डिजिटल राशन कार्ड अनिवार्य कर दिए जाने से बाहरी मरीजों का इलाज मुफ्त में नहीं होगा। गौरतलब है कि चार माह पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश देते हुए कहा था कि राज्य में बाहरी मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसी निर्देश को लागू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डिजिटल राशन कार्ड को जरिया बनाया है।
इस परियोजना को सफल बनाने के लिए राज्य खाद्य विभाग के पास मौजूद डिजिटल राशन कार्ड के आकड़ों को स्वास्थ्य विभाग के टिकट सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस व्यवस्था के शुरु होने के बाद मरीजों को टिकट के लिए घंटों कतारों में खड़ा होने की जरुरत नहीं होगी। पहले सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दो रुपये का टिकट लेना पड़ता था, जिसमें उसका नाम, पता और बीमारी संबंधी जानकारियां होती थी लेकिन लगातार अस्पतालों में टिकट के लिए बढ़ते कतारों को खत्म करने के मकसद से उक्त पहल के जरिए मरीजों को आए दिन पेश आने वाली समस्याओं से निजात दिलाने की दिशा में भी यह एक कारगर कदम साबित होगा। वहीं बताया गया कि डिजिटल राशन कार्ड के क्यूआर कोड को स्कैन करते ही मरीज से जुड़ी सारी जानकारियां खुद-ब-खुद कम्प्यूटर में अपलोड हो जाएगी और मरीजों को कतारों में खड़े होकर टिकट लेने की जरुरत नहीं होगी, जिससे समय की भी बचत सुनिश्चित हो सकेगी और मरीजों को हैरान भी नहीं होना पड़ेगा। इतना ही नहीं, जिन्हें अभी तक डिजिटल राशन कार्ड या अन्य राशन कार्ड नहीं मिल सके हैं, उनका मोबाइल नंबर नोट किया जाएगा। मोबाइल नंबर को ही यूनिक नंबर के रुप में इस्तेमाल किया जाएगा। सभी सरकारी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ निर्देश दिया गया है कि अस्पतालों में इससे संबंधित नोटिस लगाए जाए, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि परिजनों का इलाज कराने के लिए आने वाले लोग अपने साथ राशन कार्ड लेकर आए।