घर जाकर क्यों नहीं बनाया गया आधार कार्ड: हाई कोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा जिन एजेंसियों को आधार बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, उनका कोई अधिकारी सनत के घर नहीं पहुंचा।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । आधार कार्ड बनाने में दिव्यांगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे ही एक मामले में दिव्यांग के घर जाकर आधार कार्ड बनाने की सुविधा नहीं देने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। रोष प्रकट करते हुए न्यायाधीश देवांशु बसाक ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से पूछा-'केंद्र ने आधार लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है।
सभी को दिसंबर तक बैंक खातों और अन्य दस्तावेजों से आधार लिंक कराने को कहा जा रहा है, लेकिन आधार बनवाने के लिए केंद्र ही जिम्मेवारी का निर्वाह नहीं कर रहा। आखिर अदालत को इसमें हस्तक्षेप करने की नौबत क्यों पड़ रही है?' न्यायाधीश ने आगे पूछा-'केंद्र ने जिन एजेंसियों को आधार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है, वे इसका ठीक से निर्वाह क्यों नहीं कर रहीं? दिसंबर तक की मोहलत है। मैं यदि कहूं कि कल ही आधार के लिए किसी शख्स का बायोमैट्रिक संग्रह करना है तो क्या ऐसा किया जाएगा?
क्या है मामला महानगर के बेहला स्थित कैलाश घोष रोड के रहने वाले युवक सनत कुमार मित्रा सेलिब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं। उनके 83 फीसद तक अंग काम नहीं करता है। 15 जुलाई, 2016 को पहली बार सनत के माता-पिता उन्हें आधार कार्ड बनाने के लिए लगे कैंप में जैसे-तैसे लेकर गए। चूंकि वे 83 फीसद तक अपंग हैं इसलिए न तो उनके रेटिना की फोटो लेना संभव हो पाया और न ही उनकी उंगलियों के निशान लिए जा सके। इसके बाद सनत को इस साल 9 अगस्त को आधार बनाने के लिए दोबारा कैंप में लाया गया, लेकिन इस बार भी संभव नहीं हो सका। परेशान होकर माता-पिता ने कोलकाता नगर निगम समेत विभिन्न विभागों में इसे लेकर आवेदन किया और घर पर ही सनत का आधार कार्ड बनवाने की मांग की।
केंद्र सरकार द्वारा जिन एजेंसियों को आधार बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, उनका कोई अधिकारी सनत के घर नहीं पहुंचा। आखिरकार सनत के माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट से फरियाद की। सनत के पिता का कहना है कि सनत उनकी एकलौते संतान हैं। यदि आधार लिंक नहीं कराया तो भविष्य में वे अथवा उनकी देखभाल करने वाले किसी भी सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएंगे, लिहाजा उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा।
13 नवंबर तक की मिली मोहलत यायाधीश देवांशु बसाक ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से सवाल किया कि आखिर क्यों कानून के अनुसार आप सनत का आधार कार्ड बनवाने की व्यवस्था नहीं कर पा रहे? क्यों घर पर जाकर उनका बायोमैट्रिक नहीं लिया जा रहा? इस पर केंद्र के अधिवक्ता ने कहा हमें इसके लिए तीन महीने की मोहलत दी जाए।
इसके बाद न्यायाधीश ने केंद्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपने आधार लिंक कराने के लिए दिसंबर तक की मोहलत दी है, लेकिन आप खुद ही अपने कहे पर अडिग नहीं है, मुझे यदि कल ही आधार बनवाना हो तो फिर आप क्या करेंगे? इतना कहते हुए न्यायाधीश ने सनत के घर जाकर उनका आधार बनाने के लिए 13 नवंबर तक की मोहलत दी है।