Move to Jagran APP

Shardha Chit Fund: जानिए कौन हैं- हजारों करोड़ के सारधा चिटफंड घोटाले में आरोपित पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार

Shardha Chit Fund जिस पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के लिए मुख्यमंत्री ममता धरने पर बैठ गई, वह दरअसल 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में कोलकाता पुलिस आयुक्त हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 12:56 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 05:31 PM (IST)
Shardha Chit Fund: जानिए कौन हैं- हजारों करोड़ के सारधा चिटफंड घोटाले में आरोपित पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार
Shardha Chit Fund: जानिए कौन हैं- हजारों करोड़ के सारधा चिटफंड घोटाले में आरोपित पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार

जागरण संवाददाता, कोलकाता। Shardha Chit Fund हजारों करोड़ रुपए के शारदा चिटफंड घोटाले में आरोपित कोलकाता के जिस पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए कल रात सीबीआई की टीम उनके आवास पर गई थी और इस घटना के खिलाफ राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई, वह दरअसल पश्चिम बंगाल के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में कोलकाता पुलिस आयुक्त हैं।

loksabha election banner

कुमार ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। उन्हें साल 2016 में सुरजीत कर पुरकायस्थ के जगह पर कोलकाता पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्हें सीआईडी विभाग में प्रमोट किया गया था। कुमार इससे पहले कोलकाता पुलिस आयुक्त, बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं।

इससे पहले कुमार ने 2013 में सामने आए सारधा और रोज वैली घोटालों की जांच करने वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का नेतृत्व किया था। उन्हें और कुछ अन्य अधिकारियों को जांच में मदद करने के लिए कहा गया था जब कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब हो गए थे।

राजीव कुमार राजीव पर आरोप है कि बतौर एसआईटी में रहते हुए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है। बताया जाता है कि एसआईटी के अध्यक्ष के तौर पर राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन और उनके सहयोगी देवयानी को गिरफ्तार किया था और उनके पास से मिली एक डायरी को गायब कर दिया था। इस डायरी में उन सभी नेताओं के नाम थे जिन्होंने चिटफंड कंपनी से रुपए लिए थे।

इस मामले में कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राजीव कुमार को आरोपित किया था। साल 2013 में पश्चिम बंगाल का चर्चित चिटफंड घोटाला सामने आया था। कथित तौर पर तीन हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा अप्रैल 2013 में हुआ था। आरोप है कि सारधा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया। इसके बाद इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.