West Bengal: शिक्षक भर्ती में गजब का खेल, परीक्षा में पूरे अंक लाने पर भी 200 लोगों को नहीं मिली नौकरी
West Bengal बंगाल में शिक्षक भर्ती में हुई फर्जीवाड़े की परतें अभी भी खुल रही हैं। अभ्यर्थियों के वकील ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा में अधिकतम स्कोर करने के बाद भी 200 लोगों को नौकरी नहीं मिली। मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही प्राइमरी काउंसिल को फटकार भी लगाई है। जानिए क्या है पूरा मामला।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को एक बार फिर कलकत्ता हाई कोर्ट की फटकार झेलनी पड़ी। वैसे ही बंगाल सरकार का शिक्षा विभाग भर्ती घोटाले में गंभीर आरोपों में घिरा है। पूर्व शिक्षा मंत्री समेत एक दर्जन से अधिक नेता व पूर्व अधिकारी जेल में है।
हालिया जानकारी के अनुसार नौकरी के इच्छुक 200 अभ्यर्थियों को अधिकतम अंक मिले, लेकिन उन्हें मेरिट सूची में जगह नहीं मिली थी। वहीं अपात्रों को मेरिट लिस्ट में शामिल कर, उन्हें कैसे भर्ती कर ली गई यह प्रश्न बड़ा है। कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने प्रश्न उठाया है।
दोबारा कराई गई थी परीक्षा
दरअसल, 2010 में उत्तर 24 परगना के नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने प्राथमिक शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था। जिसकी 2011 में लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी, लेकिन बाद में वह लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई। इसके बाद 18 मार्च 2014 को दोबारा लिखित परीक्षा आयोजित की गई। फिर 11 नवंबर 2014 को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू की।
अब हाई कोर्ट में भर्ती नहीं मिलने के खिलाफ मुकदमा करने वाले 200 अभ्यर्थियों के वकील आशीष कुमार चौधरी ने कहा कि नौकरी चाहने वालों को अंक मिलने के बावजूद उन्हें मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया गया? इसीलिए उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
वकील ने मांगा और समय
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद जज ने इसे मूल मामले से जोड़ने का निर्देश दिया है। वहीं, जस्टिस सिन्हा ने उत्त 24 परगना प्राइमरी काउंसिल के वकील से पूछा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्होंने रिपोर्ट क्यों नहीं सौंपी? इस पर वकील ने कहा कि कुछ और वक्त चाहिए।
इसके बाद जस्टिस ने प्राथमिक शिक्षा बोर्ड से जानना चाहा कि आपके द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि वादी को अधिक अंक पाने के बावजूद भी जगह नहीं मिली, बल्कि उससे कम अंक पाने वालों को नौकरी मिल गई, कैसे? इस संदर्भ में न्यायमूर्ति ने मामले में नए शामिल हुए लोगों की रिपोर्ट और मूल मामले की रिपोर्ट 18 सितंबर तक जमा करने का निर्देश दिया है।