Move to Jagran APP

pollution control board: कोलकाता का फेफड़ा पहले से ही हांफ रहा, क्या होगा दीपावली की रात ?

west bengal pollution control board कोलकाता का फेफड़ा पहले से ही हांफ रहा है। दीपावली की रात क्या होगा सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 03:12 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 03:12 PM (IST)
pollution control board: कोलकाता का फेफड़ा पहले से ही हांफ रहा, क्या होगा दीपावली की रात ?
pollution control board: कोलकाता का फेफड़ा पहले से ही हांफ रहा, क्या होगा दीपावली की रात ?

कोलकाता, जागरण संवाददाता। west bengal pollution control board महानगर से बारिश की विदाई हो चुकी है। साथ ही मानसूनी हवाओं ने भी अपना रुख बदल लिया है। कालीपूजा और दिवाली नजदीक आ रही है। हल्की ठंड के बीच त्योहारों का आगमन खुशियों की गरमाहट भले दे रहा हो, लेकिन कोलकाता का फेफड़ा पहले से ही हांफ रहा है। दीपावली की रात क्या होगा, सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं।

loksabha election banner

दीपावली पर पटाखे जलाने से होनेवाले ध्वनि प्रदूषण के प्रति सतर्क प्रशासन, वायु प्रदूषण के लिए कितनी चौकन्ना है? पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी की मानें तो कालीपूजा व दीपावली रात वायु प्रदूषण के लिहाज से सबसे खतरनाक होती है। लेकिन हमारे पास ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करते हुए वायु प्रदूषण की अनदेखी करनी पड़ती है।

पटाखों से होनेवाला प्रदूषण मानव शरीर के बहुत घातक होते हैं। पटाखे जितना ज्यादा रंग बिखेरते हैं, उसमें प्रदूषण कारक कणों की मात्र उतनी ज्यादा होती है। आकाश में फट कर रंग बिखेरने वाले पटाखों से निकलनेवाले कण वायुमंडल के निचले हिस्से में बैठ जाते हैं और शहर के वायु प्रदूषण स्तर को तेजी से खराब करते हैं।

2018 के आंकड़े खतरे की घंटी बजाने के लिए काफी हैं। विशेषज्ञों की मानें तो वायु में पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्र सबसे ज्यादा चिंता का कारण हैं। 2.5 माइक्रोमीटर आकारवाले ये तत्व फेफड़ों से सीधे धमनियों तक पहुंच जाते हैं। अगर तुलना की बात करें तो मानव के सिर का एक बाल 100 माइक्रोमीटर व्यास का होता है, यह पीएम 2.5 के लगभग 40 कणों के बराबर है।

ठंड बढ़ाएगी परेशानी

उत्सवों में पटाखों के अत्याचार से बिगड़नेवाली वायुमंडल की सेहत के लिए आनेवाले दिन भी कुछ अच्छे नहीं। जाड़ों में बढ़ती ठंड के साथ प्रदूषण कारण कण वायुमंडल के निचले स्तर में जमें रहेंगे। श्वांस रोग विशेषज्ञ की मानें तो इस समय सुबह की हवा लगभग जहरीली हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.