West Bengal Politics : हिंदू पुजारियों को मासिक भत्ता देने के निर्णय पर विपक्ष ने ममता को घेरा, कहा-वोट बैंक की राजनीति
माकपा विधायक दल के नेता एवं पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सूजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि हिंदू वोट बैंक हथियाने के लिए पुजारी भत्ता की योजना लेकर आई हैं ममता बनर्जी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विपक्षी दलों ने हिंदू ब्राह्मण पुजारियों को 1,000 रुपये मासिक भत्ता दिए जाने की घोषणा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मंगलवार को आड़े हाथों लेते हुए इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक दल के नेता एवं पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सूजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुजारियों को भत्ता देने की घोषणा राज्य सरकार की विफलता और अपनी स्वयं की कुंठा को ढकने के लिए किया है।
मुस्लिमों को इमाम भत्ते की शुरुआत की थी
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ने इससे पहले मुस्लिम समुदाय के लिए इमाम भत्ते की शुरुआत की थी, लेकिन इस बार चुनाव से पहले हिंदू वोट बैंक हथियाने के लिए पुजारी भत्ता की योजना लेकर आई है।
विधानसभा चुनाव से पहले पुजारियों की याद
यह पूरी तरह वोट बैंक की राजनीति है।' उधर, भाजपा ने भी इसको लेकर ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले अब उन्हें हिंदू पुजारियों की याद आई है।
2021 के चुनाव में राज्य की जनता का सबक
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि राज्य के बहुसंख्यक हिंदू यह बात जानते हैं कि ममता बनर्जी की सरकार किस तरह उनकी भावनाओं के खिलाफ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि चाहे ममता अब कुछ भी कर ले लेकिन 2021 के चुनाव में राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाने का मन बना चुकी है।
सनातन पुजारियों को भत्ता व मुफ्त में आवास
बताते चलें कि एक दिन पहले सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के 8,000 से अधिक सनातन ब्राहमण पुजारियों को 1,000 रुपये मासिक भत्ता के साथ मुफ्त में आवास देने की घोषणा की।
राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए
ममता ने कहा कि पुजारियों की आर्थिक दशा बहुत ही दयनीय है इसीलिए उनकी सरकार ने उन्हें भत्ता देने का फैसला किया है। इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उनकी सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है।