West bengal politics : बंगाल में कोरोना काल में खरीदारी में हुआ घोटाला छुपाने की हो रही कोशिश : राज्यपाल
West bengal politics बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का आरोप ममता सरकार अपने अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार का समर्थन कर रही!
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए राज्य स्वास्थ विभाग द्वारा की जाने वाली सामानों की खरीदारी में हुए घोटाले को लेकर शनिवार को एक बार फिर ममता सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस घोटाले को छुपाने की कोशिश हो रही है। धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, 'महामारी की रोकथाम के लिए सामानों की खरीदारी में हुए घोटाले को छुपाया जा रहा है। यह कैसी जांच हो रही है। ममता सरकार अपने अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार का समर्थन कर रही है।'
आप चाहे जितना भी बड़े हों कानून हमेशा आपसे ऊपर है
राज्यपाल ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'आप चाहे जितना भी बड़े हों कानून हमेशा आपसे ऊपर है! पारदर्शी होने का समय है और लोगों को खरीद की मात्रा, खरीद के स्रोत, निर्णय निर्माताओं के बारे में जनता को बताना चाहिए। यह सब काम सावधानीपूर्वक होनी चाहिए।' राजपाल ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए एक बार फिर कहा कि इस घोटाले में जो भी लोग शामिल हैं उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
एक दिन पहले इस घोटाले पर सरकार पर हमला बोला था
बताते चलें कि एक दिन पहले भी राज्यपाल ने इस घोटाले को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला था और करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसको लेकर राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय द्वारा इस मामले से जुड़े तथ्यों को उजागर नहीं होने दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ममता ने किया तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोविड-19 से मुकाबले के लिए स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे के विकास के उद्देश्य से की गई सामग्री की खरीद में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए हाल में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। राज्य के गृह, वित्त व स्वास्थ्य सचिव की अगुवाई में यह कमेटी गठित की गई है।
निविदा प्रक्रिया में ढील दिए जाने के बाद अनियमितताएं
दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली थीं। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है। आरोप है कि वित्त विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया में ढील दिए जाने के बाद ऐसी कथित अनियमितताएं हुईं।