कोलकाता, पीटीआई। ईडी ने पश्चिम बंगाल में स्कूली नौकरियों के लिए कथित नकदी घोटाले की अपनी जांच के तहत गिरफ्तार और टीएमसी से निकाले गए नेता शांतनु बनर्जी की संपत्तियों की तलाश में शनिवार को पड़ोसी हुगली जिले के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस बात की जानकारी एजेंसी द्वारा साझा की गई है।
अब तक छापेमारी में नहीं मिले खास सबूत
एजेंसी ने कहा कि ईडी के अधिकारियों को कम से कम छह टीमों में विभाजित किया गया था और शनिवार सुबह से पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के बालागढ़, बंदेल, चिनसुराह और अन्य क्षेत्रों में शांतनु बनर्जी के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर छापा मारा गया। संपर्क करने पर अधिकारी ने कहा, "अब तक शांतनु की संपत्तियों के अंदर से कुछ भी नहीं मिला है। हमें बंदेल और चिनसुराह में दो फ्लैटों के ताले तोड़ने पड़े। आरोपी के नाम से पंजीकृत एक गेस्ट हाउस के मुख्य दरवाजे का ताला भी टूटा हुआ था।"
उन्होंने कहा कि ईडी को ऐसा कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं मिला है जो जांच को अगले स्तर तक ले जाने में उनकी मदद कर सके। उन्होंने कहा, "तलाशी अभियान अब भी जारी है, इसे पूरा होने में कुछ और घंटे लग सकते हैं।"
ईडी की हिरासत में है शांतनु बनर्जी
आपको बता दें, शांतनु बनर्जी केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में हैं। ईडी द्वारा गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। जांच निकाय घोटाले की जांच कर रहा है और सरकारी तथा सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण नौकरियों में भर्ती में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के लिए कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
शांतनु बनर्जी ने वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल) में एक वरिष्ठ तकनीकी सहायक कर्मचारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था और लगभग 35,000 रुपये का मासिक वेतन प्राप्त करते थे, उन्हें ईडी द्वारा कई करोड़ रुपये की संपत्ति और संपत्ति के मालिक के रूप में पहचाना गया है।