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West Bengal: पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में आधी सीटें रह सकती है खाली

संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) के मुद्दे पर टकराव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी कोलकाता आने वाले हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 02:21 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 02:21 PM (IST)
West Bengal: पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में आधी सीटें रह सकती है खाली
West Bengal: पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में आधी सीटें रह सकती है खाली

कोलकाता, जागरण संवाददाता। संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) के मुद्दे पर टकराव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी कोलकाता आने वाले हैं। इस दौरान वह कोलकाता पोर्ट की 150वीं सालगिरह के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी शिरकत करने की बात है। पिछले साल लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह पहला मौका होगा जब पीएम कोलकाता आएंगे।

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कहा जा रहा है कि पीएम के कार्यक्रम में आधी सीटें खाली रह सकती है। वैसे तो कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारी नेताजी इंडोर स्टेडियम में होने वाली पीएम मोदी के कार्यक्रम के दौरान हाउसफुल रखने की कोशिशों में जुटे हैं। इसकी क्षमता 12000 लोगों की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रस्ट के लिए सारी सीटें भर पाना मुश्किल हो

रहा है। पोर्ट ट्रस्ट के अलावा शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया और ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से भी कार्यक्रम में उपस्थित रहने को कहा गया है। सादे कपड़ों में सीआरपीएफ अधिकारी भी रहेंगे।

यह भी तर्क दिया जा रहा है कि पीएम की सुरक्षा के चलते आधी सीटें खाली रखी जाएंगी, लेकिन बाकी भरने के लिए 5-6 हजार लोगों की जरूरत होगी। लोगों को हल्दिया पोर्ट से लाने के लिए 50 लग्जरी बसें तैनात किए जाने की चर्चा है। हालांकि, अधिकारियों को रविवार को लोगों के आने को लेकर संदेह है।

कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि हमने शेड्यूल फाइनल नहीं किया है। हम अभी इस पर चर्चा कर रहे हैं। खबर यह भी है कि सीट भरने के लिए राज्य भाजपा के नेताओं की मदद ली जा सकती है। 

रेड रोड में दिखेगा खारिज बंगाल का टैब्लो

दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए बंगाल की ओर से भेजे गए टैब्लो को केंद्र सरकार द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद ममता सरकार ने अब उसे कोलकाता के रेड रोड पर होने वाले अपने गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदर्शित करने का फैसला किया है। इस टैब्लो को ’जल बचाओ, जीवन बचाओ, हरियाली बचाओ’ थीम पर तैयार किया गया है।

गौरतलब है कि बंगाल के टैब्लो को खारिज करने पर ममता सरकार की तरफ से सवाल उठाते हुए कहा गया था कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के कारण दुर्भावनावश यह कदम उठाया गया है। राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने इस बाबत रक्षा मंत्रलय को पत्र लिखकर कहा था कि टैब्लो के चयन के लिए हुई पहली दो बैठकों में तो राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाया गया लेकिन उसके बाद हुई किसी भी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। बंगाल के टैब्लो को क्यों खारिज कर दिया गया, रक्षा मंत्रालय की ओर से इस बाबत आधिकारिक तौर पर स्पष्ट कारण भी नहीं बताया गया है। गौरतलब है कि बंगाल के टैब्लो को पूर्व में केंद्र सरकार की तरफ से पुरस्कृत किया जा चुका है। ऐसे में इस बार अपने टैब्लो का चयन नहीं होने को लेकर ममता सरकार बेहद खफा है।


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