मलमल उद्योग विकसित करने को राज्य भर में क्लस्टर स्थापित करेगी पश्चिम बंगाल सरकार
पश्चिम बंगाल सरकार ने नववर्ष में मलमल उद्योग को और अधिक विकसित करने के लिए राज्य भर में कलस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता । पश्चिम बंगाल सरकार ने नववर्ष में मलमल उद्योग को और अधिक विकसित करने के लिए राज्य भर में कलस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है। बुधवार को राज्य के वित्त और उद्योग विभाग की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है।
इसमें बताया गया है कि प्रोजेक्ट मलमल के माध्यम से मलमल को लोकप्रिय बनाने के लिए बंगला सरकार के प्रयास काफी सकारात्मक रहे हैं। मलमल उद्योग से जुड़े बुनकर अच्छी आमदनी लाभ कर रहे हैं और मलमल की शिल्पकारी न केवल एशिया प्रायद्वीप बल्कि यूरोपीय देशों में भी काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। यह औपनिवेशिक काल के इस उद्योग को पुनर्जीवित करने में मददगार साबित होगा।
वित्त विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि पूर्व में नौ जिलों में 21 सामान्य उत्पादन केंद्र खोले गए हैं। इसके अतिरिक्त 14 जिलों - बांकुड़ा, बीरभूम, हावड़ा, मालदा, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, पूर्व बर्दवान, पश्चिम बर्दवान, झाड़ग्राम, पुरुलिया, कलिम्पोंग, पूर्व मेदिनीपुर और पश्चिम मेदिनीपुर में 63 मलमल क्लस्टर स्थापित करने की परियोजना पर काम किया जा रहा है। इनमें से कुछ का काम पूरा हो चुका है और कुछ का काम इस साल के तिमाही तक पूरा कर लिया जाएगा।
इन सबके परिणामस्वरूप, मलमल उत्पादकों की संख्या और आय में वृद्धि हुई है। 63 कलस्टर के तहत, 39,583 कारीगर सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (राज्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और कपड़ा विभाग के तहत), के तहत मलमल क्लस्टर और उत्पादन केंद्र संचालित होते हैं। ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से कोलकाता में तीन बड़े मॉलों के अंदर तीन स्टोर खोले हैं।
यह मॉल हैं - साउथ सिटी, क्वेस्ट एंड स्टार शॉपिंग मॉल। इसके अलावा कोलकाता के ढाकुरिया में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले दक्षिणपन्न शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में एक क्लब मसलिन आउटलेट खोला गया है। इन सभी केंद्रों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और मलमल के उत्पादों को खरीद रहे हैं जो राज्य सरकार की कोशिशों की सफलता का सूचक है। बयान में बताया गया है कि विभिन्न जरिए से मलमल उत्पादों के निर्यात और अंतरराष्ट्रीय बाजार में विपणन प्लेटफार्म मुहैया कराने के लिए भी राज्य सरकार परिचर्चाओं का आयोजन करेगी।