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West Bengal Crime : पशु तस्करी मामले में अब कोलकाता के कई रेस्तरां और कॉफी हाउस सीबीआइ की रडार पर

खुलासा- केंद्रीय जांच एजेंसी की रडार पर अब कोलकाता के कई रेस्तरां और कॉफी हाउस हैं। इन्हीं रेस्तरां और कॉफी हाउस में बनती थी तस्करी की योजना और होता था लेनदेन। पशु तस्करी का कथित सरगना इनामुल व उसके साथियों का अक्सर यहां होता था आना-जाना।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 06:03 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 06:04 PM (IST)
West Bengal Crime : पशु तस्करी मामले में अब कोलकाता के कई रेस्तरां और कॉफी हाउस सीबीआइ की रडार पर
बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी मामले में सीबीआइ को रोज नए- नए तथ्य हाथ लग रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी मामले में सीबीआइ को रोज नए- नए तथ्य हाथ लग रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी की रडार पर अब कोलकाता के कई रेस्तरां और कॉफी हाउस हैं। जांच में सीबीआइ अधिकारियों को पता चला है कि बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए मवेशियों की तस्करी, लेनदेन व हवाला कारोबार की योजना इन्हीं रेस्तरां व कॉफी हाउस में बनती थी। इसके मालिकों व कर्मचारियों को सीबीआइ पूछताछ के लिए जल्द तलब भी कर सकती है।

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सरगना इनामुल हक, अनारुल शेख व मोहम्मद मुस्तफा आते जाते थे

सूत्रों के मुताबिक, सेंट्रल कोलकाता के कई रेस्तरां के साथ कुछ कॉफी हाउस के नाम सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि पशु तस्करी का कथित सरगना इनामुल हक और उसके दो खास सहयोगियों अनारुल शेख व मोहम्मद मुस्तफा सहित इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोग अक्सर वहां आता- जाता था। 

रेस्तरां व कॉफी हाउस के मालिकों व कर्मचारियों की जानकारी जुटा रही 

इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड सहित अन्य राज्यों जहां से बांग्लादेश में तस्करी के लिए ट्रकों में भर- भर कर बंगाल के रास्ते जो मवेशियों को भेजा जाता था उससे जुड़े लोग भी इन रेस्तरां व कॉफी हाउस में आते- जाते थे और वहां रुकते थे। अब इस मामले में सीबीआइ इन रेस्तरां व कॉफी हाउस एवं इसके मालिकों व कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। 

सीबीआइ व कस्टम अधिकारियों से संपर्क का पहले ही चल चुका है पता 

इससे पहले सीबीआइ को पशु तस्करों के साथ बीएसएफ व कस्टम के एक दर्जन अधिकारियों के संपर्क के बारे में बहुत सारी जानकारी मिली है। इनमें बीएसएफ के सात एवं कस्टम के 5 अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा राज्य पुलिस व प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य प्रभावशाली लोगों के भी पशु तस्करों के साथ संपर्क के बारे में सीबीआइ को अहम जानकारी हाथ लगी है। 

बंगाल के कई स्थानों सहित देश भर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी

गौरतलब है कि बुधवार को सीबीआइ ने बीएसएफ के 36वीं बटालियन के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार सहित पशु तस्करी का कथित सरगना इनामुल हक व उसके दो सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बंगाल के कई स्थानों सहित देश भर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस बीच तस्करी का सरगना इनामुल व बीएसएफ अधिकारी सतीश कुमार के बीच संबंध बहुत स्पष्ट होता जा रहा है। 

पशु तस्कर ने सतीश कुमार को मुर्शिदाबाद में मकान बनवाकर दिया था

सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ को यह भी जानकारी मिली है कि सतीश कुमार के लिए मुर्शिदाबाद जिले में भी एक घर इनामुल ने बनवाकर दिया था। वहीं, इनामुल ने अपनी कंपनी में कुमार के बेटे को नौकरी भी दी थी। इतना ही नहीं इनामुल ने कुमार को गिफ्ट में एक महंगी कार भी दी थी।

दरअसल सतीश कुमार, दिसंबर 2015 से मई 2018 तक कमांडेंट के तौर पर मालदा में तैनात थे। इस दौरान पशु तस्करी में मदद का उन पर आरोप है। इसके बदले उन्हें मोटी रकम मिलता था। सीबीआइ इस पूरे नेटवर्क में शामिल लोगों का पता लगा रही है।


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