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कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए स्वीडन मॉडल अपना रही ममता सरकार: विशेषज्ञ

जानेमाने चिकित्सक ने कहा है कि कोरोना की जांच बढ़ाने के साथ ऐसा लगता है कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए धीरे-धीरे स्वीडन या ताईवान का मॉडल अपना रही है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 04:14 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 04:14 PM (IST)
कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए स्वीडन मॉडल अपना रही ममता सरकार: विशेषज्ञ
कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए स्वीडन मॉडल अपना रही ममता सरकार: विशेषज्ञ

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों में ढील देने की घोषणा के बीच एक जानेमाने चिकित्सक ने कहा है कि कोरोना की जांच बढ़ाने के साथ ऐसा लगता है कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए धीरे-धीरे स्वीडन या ताईवान का मॉडल अपना रही है। सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के डॉ दीप्तेंद्र सरकार ने कहा कि लगभग 70 दिन से देशभर में लॉकडाउन है और केंद्र तथा राज्य दोनों ही सरकारों ने इस महामारी से निपटने के लिए अपने संसाधन जुटा लिए हैं। 

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अब समय आ गया है कि पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जाए। उन्होंने कहा,‘मुझे गलता है कि वे दूसरे मॉडल को अपना रहे हैं। अभी तक वे पूरी ताकत से जिस मॉडल को अपना रहे थे वह लॉकडाउन का है।’ चीन के वुहान में 72 दिन के लॉकडाउन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 60 से 70 दिन का लॉकडाउन संक्रमण के मामले कम करता है। सरकार ने कहा,‘स्वीडन मॉडल में या ताईवान अथवा दक्षिण कोरिया में उन्होंने लॉकडाउन के बजाय जांच बढ़ाने और उच्च जोखिम वाली आबादी को अलग करने पर जोर दिया जिसमें उन्हें उतनी ही सफलता मिली।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरुआत में जांच सुविधाएं नहीं होने की वजह से कड़ा लॉकडाउन लगाया था, लेकिन अब देशभर में प्रतिदिन करीब एक लाख नमूनों की जांच क्षमता के साथ सरकार लॉकडाउन मॉडल से स्वीडन या दक्षिण कोरिया अथवा ताईवान के मॉडल की ओर जा रही है।

डॉ सरकार ने कहा कि इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के एक अध्ययन के अनुसार अगर 60 फीसद आबादी साधारण मास्क पहने तो संक्रमण को 90 फीसद तक फैलने से रोका जा सकता है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के सचिव डॉ मानस गुमटा ने इस बात पर तो सहमति जताई कि किसी समय तो लॉकडाउन हटाया जाना चाहिए, लेकिन राज्य में बंद में दी जा रही ढील के तरीके पर उन्होंने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटाने का वैज्ञानिक आधार होना चाहिए। गुमटा ने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाए जाने की जरूरत बताते हुए कहा,‘लॉकडाउन सामान्यतया स्वास्थ्य संबंधी ढांचे को तैयार करने के लिहाज से समय निकालने के लिए था ताकि महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।’


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