Move to Jagran APP

West Bengal :कोरोना व लॉकडाउन की वजह से मुश्किल में रंगकर्मी, मछली व सब्जी बेच या ऑनलाइन पढ़ा गुजरा कर रहे

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सिनेमा व थिएटर हॉलों के साथ-साथ नाटक के शो भी बंद है जिसकी वजह से रंगमंच से जुड़े कलाकार और अन्य कर्मी मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 01:14 PM (IST)
West Bengal :कोरोना व लॉकडाउन की वजह से मुश्किल में रंगकर्मी, मछली व सब्जी बेच या ऑनलाइन पढ़ा गुजरा कर रहे
West Bengal :कोरोना व लॉकडाउन की वजह से मुश्किल में रंगकर्मी, मछली व सब्जी बेच या ऑनलाइन पढ़ा गुजरा कर रहे

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण सिनेमा व थिएटर हॉलों के साथ-साथ नाटक के शो भी बंद है, जिसकी वजह से रंगमंच से जुड़े कलाकार और अन्य कर्मी ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित कर मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं। तपन दास ने रंगमंच की नामी शख्सियत आनंद लाल से प्रेरित होकर अंग्रेजी रंगमंच का रूख किया और ‘रॉयल शेक्सपीयर कंपनी’ के साथ कई देशों की यात्राएं की।

loksabha election banner

लॉकडाउन के बाद रंगमंच बंद होने से वह उत्तर 24 परगना जिले में अपने क्षेत्र में हिलसा मछली बेच रहे हैं। वहीं सुप्रीति भद्रा चार-पांच साल के बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं चला रही हैं। दास का कहना है कि जब मैं किशोर था तो पिता के साथ जलाशय में जाता था और मछली पकड़ते हुए वहां लोगों को देखता था, लेकिन इसमें मेरी रूचि नहीं थी। रंगमंच ही मेरा पहला प्यार था। इन बीते वर्षों में रंगमंच के बाहरी और भीतरी पहलुओं से अवगत हुआ। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन यापन के लिए कोई भी काम छोटा नहीं है।

उन्होंने शांतिनगर क्षेत्र में सब्जी और मछली बेचने के लिए 20 बेरोजगार युवकों को प्रेरित किया तथा सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मिनी बाजार शुरू किया। भद्रा आजकल बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित कर गुजारा कर रही हैं। भद्रा ने कहा कि मैं कोई शिकायत नहीं कर रही। लेकिन इस अनिश्चितता में आप कैसे रह सकते हैं? मेकअप आर्टिस्ट देबोजीत पॉल आगामी दिनों में हालत सुधरने का इंतजार कर रहे हैं। रंगमंच कलाकार सुमिता बिस्वास ने बताया कि रंगमंच से इतना जुड़ाव रहा है कि इतना लंबे ब्रेक बहुत नुकसानदेह साबित हुआ है। बस उम्मीद है कि जल्द शुरू हो सबकुछ। वह अभी घर से ऑनलाइन कक्षाएं चला रही हैं।

एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स में नाटक के टिकटों को बेचने वाले चंदन सेनगुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद लगा था कि यह कुछ सप्ताह चलेगा लेकिन थिएटर अभी भी बंद है। उन्होंने कहा कि बैठक व्यवस्था में दूरी रखने के साथ हॉल को खोला जा सकता है। अगर शॉपिंग मॉल खुल सकता है तो सीमित दर्शकों के साथ थिएटर को क्यों नहीं खोला जा सकता है। स्वयंसेवी संगठनों की मदद से हमारा काम चल रहा है लेकिन यह कितने समय तक चले 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.