ममता बनर्जी ने चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र Kolkata News
Mamata Banerjee. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को चुनाव सुधार और फंडिग को लेकर पत्र लिखा है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पिछले लोकसभा चुनाव में बेतहाशा चुनावी खर्च पर चिंता जताई है। पत्र में उन्होंने कहा है कि भारत में स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव के लिए तत्काल चुनावी प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलाने की भी सलाह दी है। इसके अलावा ममता ने राजनीतिक दलों में बढ़ते भ्रष्टाचार और अपराधीकरण की प्रवृत्तियों की ओर भी पीएम का ध्यान आकृष्ट किया है।
अपने पत्र में ममता ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी खर्च को लेकर जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव था। उन्होंने बताया कि 2019 में हुआ चुनावी खर्च 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए कुल खर्च का दोगुना है। रिपोर्ट के हवाले से ममता ने बताया कि हालिया चुनाव में कम से कम 60 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस खर्च की ऊपरी सीमा अभी भी अज्ञात है और यह और भी ज्यादा हो सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव से भी महंगा रहा लोकसभा चुनाव
ममता ने पत्र में आगे कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो अगले लोकसभा चुनाव में यह खर्च एक लाख करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में साल 2016 के राष्ट्रपति और कांग्रेस चुनाव में भी कुल 6.5 बिलियन का चुनावी खर्च था, जबकि यह आंकड़ा भारत के हालिया लोकसभा इलेक्शन में 8.65 बिलियन था। इस तरह से 2019 का लोकसभा चुनाव दुनिया के सबसे महंगे चुनाव में शामिल हो गया।
तृणमूल अध्यक्ष ने चुनाव में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हुए पीएम से चुनावी पब्लिक फंडिंग के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की।
उन्होंने आगे कहा कि यह बैठक भारत में निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव के लिए भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए बुलाई जाए। अंत में ममता ने इस बात पर जोर दिया कि हमें तत्काल चुनाव प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है, जिसमें चुनाव के लिए सरकारी फंडिंग की व्यवस्था शामिल है।
ममता बनर्जी के मुताबिक, देश इस साल हुए लोकसभा चुनाव सबसे ज्यादा खर्चीला साबित हुए हैं और सारे भ्रष्टाचार की जड़ यही है। इस तरह के भ्रष्टचार को खत्म करने के लिए तुरंत चुनाव में फंडिंग और रिफॉर्म्स पर बातचीत होनी चाहिए।