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Coronavirus: मलेरिया व डेंगू की तरह कोरोना पर भी पाएंगे विजय: ममता

Coronavirus. मुख्यमंत्री ने कहा कि रोग का एक पुराना इतिहास रहा है और यह समय-समय पर आती रहती है लेकिन इस पर काबू भी पाया जाता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 09:00 PM (IST)
Coronavirus: मलेरिया व डेंगू की तरह कोरोना पर भी पाएंगे विजय: ममता
Coronavirus: मलेरिया व डेंगू की तरह कोरोना पर भी पाएंगे विजय: ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बार फिर लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इससे आतंकित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एक समय मलेरिया से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती थी। फिर डेंगू ने भी कहर बरपाना शुरू किया और सैकड़ों लोगों की जानें ले ली। फिर धीरे-धीरे इसकी दवा विकसित होने से इलाज होने पर इसका प्रभाव कम होने लगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि रोग का एक पुराना इतिहास रहा है और यह समय-समय पर आती रहती है, लेकिन इस पर काबू भी पाया जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डेंगू व मलेरिया की तरह भविष्य में कोरोना से भी पार पा लिया जाएगा। राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के मौके पर ममता ने कहा कि सही इलाज होने पर कोरोना से भी लोग ठीक हो रहे हैं।‌ दवा का असर हो रहा है और बंगाल में भी कोरोना से संक्रमित अबतक 13 लोग पूरी तरह ठीक होकर घर लौट चुके हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है। अबतक 59 कोविड अस्पताल की स्थापना से लेकर सैकड़ों क्वारंटाइन टाइन सेंटर बनाए गए हैं। किसी को भी इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। ‌ हालांकि उन्होंने कहा कि किसी नए रोग या वायरस के आने से तुरंत उसका खात्मा नहीं हो जाता, यह इतिहास कहता है।

ममता ने कहा कि इसीलिए कोरोना से भी अभी लंबी लड़ाई लड़नी होगी। हम इसी को ध्यान में रखकर भविष्य की पूरी तैयारी कर रहे हैं। लोगों को भी इसके लिए तैयार रहना होगा। ममता ने इस दौरान पिछले कुछ वर्षों में मलेरिया और डेंगू से बंगाल में हुई मौत के आंकड़े का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1999 में बंगाल में मलेरिया के 2,27,480 पॉजिटिव केस आए थे। इनमें से 144 लोगों की मौत हुई थी।

2001 में एक लाख 45 हजार लोग मलेरिया से पीड़ित हुए और 151 लोग इससे मारे गए थे। 2003 में बंगाल में मलेरिया के 2,33,802 मामले सामने आए थे जबकि इनमें से 214 लोग मारे गए थे। फिर धीरे-धीरे मलेरिया का प्रभाव कम होने लगा और संख्या कम होती गई। उन्होंने कहा कि 2019 में अक्तूबर तक बंगाल में मलेरिया से 18 हजार 528 लोग पीड़ित हुए लेकिन केवल तीन लोगों की ही मौत हुई। इसी तरह उन्होंने डेंगू का जिक्र करते हुए कहा कि इससे जहां 2005 में 34 लोग मरे तो 2019 में 27 लोगों की मौत हुई। इसकी वजह है कि हर वर्ष डेंगू का स्वरूप भी बदल जाता है। ममता ने जोर देकर कहा कि बीमारियां आती रहती हैं, लेकिन उसपर काबू भी पाया जाता है। लिहाजा आतंकित होने की जरूरत नहीं है। 

चाय बागानों को खोलने के लिए केंद्र से मिला है निर्देश

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि कोरोना को लेकर देशव्यापी लॉकडॉउन के बीच उन्हें केंद्र की ओर से उत्तर बंगाल में चाय बागानों को खोलने के लिए निर्देश मिला है। राज्य सचिवालय नवान्न में संवाददाता सम्मेलन में ममता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि शनिवार को केंद्र की ओर से इस बाबत उन्हें प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने उत्तर बंगाल में संबंधित लोगों से बात भी की है लेकिन कोरोना को लेकर मौजूदा माहौल में श्रमिक काफी डरे हुए हैं। वैसे भी उत्तर बंगाल से 3 देशों - भूटान, बांग्लादेश व नेपाल की सीमाएं लगती है। साथ ही यह पूर्वोत्तर के राज्यों का गेटवे है। ऐसे हालात में वह नहीं चाहती है कि वहां के चाय बागानों में अभी तुरंत काम शुरू हो। ममता ने साफ कहा कि अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। स्थिति के आकलन के बाद आगामी दिनों में वह इसपर विचार करेंगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना के चलते अभी 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडॉउन है। यह लॉकडाउन आगामी 14 अप्रैल तक चलेगा।


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