West Bengal: ममता ने फूंका चुनावी बिगुल, ताउम्र मुफ्त राशन और स्वास्थ्य सेवा देने का वादा
Mamata Banerjee तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को बाहरी बताते हुए कहा कि बंगाल को सिर्फ राज्य के लोग ही चलाएंगे कोई बाहरी या गुजरात के नहीं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को वर्चुअल रैली के जरिए चुनावी बिगुल फूंक दिया। उन्होंने एक ओर जहां भाजपा व केंद्र के खिलाफ हुंकार भरते हुए जबरदस्त हमला बोला, वहीं लोकलुभावन घोषणाओं के ज़रिए अगले साल सत्ता में वापसी का भरोसा जताया। पार्टी की 21 जुलाई (शहीद दिवस) रैली के मंच से ममता ने आजीवन फ्री राशन व फ्री स्वास्थ्य सेवा देने का वादा करते हुए 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने का आह्वान किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बंगाल की लगातार उपेक्षा की है इसलिए बंगाल के लोग उन्हें मुंहतोड़ जवाब देकर इसका बदला लेंगे।
उन्होंने भाजपा को बाहरी बताते हुए कहा कि बंगाल को सिर्फ राज्य के लोग ही चलाएंगे कोई बाहरी या गुजरात के नहीं। उनका इशारा पीएम मोदी और अमित शाह की तरफ था। ममता ने केंद्र पर केंद्रीय एजेंसियों व पैसों के बलबूते अपनी ताकत बढ़ाने और विपक्षी शासित राज्यों की चुनी हुई सरकारों को गिराने की "साजिश रचने" का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, बंगाल को लेकर केंद्र सरकार कहती है कि राज्य में हर दिन हिंसा होती है लेकिन उत्तर प्रदेश में क्या चल रहा है? उस राज्य के लोग पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से डरते हैं। कानपुर गोलीबारी कांड का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में हर तरफ जंगलराज कायम है। एक ही घटना में कई पुलिसकर्मी मारे गए। आलम यह है कि योगी सरकार ने मामले में सबूत तक मिटवा दिए।
मुख्यमंत्री ने भाजपा को सबसे विनाशकारी पार्टी बताते हुए कहा कि जिसे देश ने पहले कभी नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में भय का शासन की वजह से लोग बोल नहीं पा रहे हैं। हमारे खिलाफ लगातार झूठी अफवाहें फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें राजनीति का कोई अनुभव नहीं है। वे सिर्फ लोगों को मारने और चीजों को जलाने की बात करते हैं। उन्होंने लोगों को सतर्क किया कि भाजपा आएगी तो जीवन भी जाएगा, जीविका भी जाएगी इसलिए उसके झांसे में पड़ कर भाजपा को वोट नहीं दें।
वहीं, पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अगले चुनाव में भाजपा के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त करने का संकल्प लें एवं जनता से तृणमूल को वोट देने की अपील की। ममता ने विश्वास जताया कि अगले चुनाव में भाजपा को बंगाल से बाहर फेंक देंगे और तृणमूल सरकार फिर सत्ता में आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगला चुनाव राज्य और देश को नई दिशा दिखाएगा। बताते चलें कि बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार तृणमूल व भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है। दोनों दल पहले से इसकी तैयारी में जुट गए हैं।
तृणमूल हर साल 21 जुलाई को मनाती है शहीद दिवस
तृणमूल हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। आज ही के दिन साल 1993 में पूर्ववर्ती वाममोर्चा शासन काल में पुलिस की गोलीबारी में 13 कार्यकर्ता मारे गए थे। ममता उस समय युवा कांग्रेस की नेता थीं जिन्होंने मतदान के लिए मतदाता परिचय पत्र को ही दस्तावेज मानने की मांग को लेकर सचिवालय की ओर मार्च का आह्वान किया था। उसी की याद में हर साल तृणमूल शहीद दिवस मनाती है और मारे गए कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी जाती है।
हर साल इस रैली के जरिए ममता शक्ति प्रदर्शन करती रही है और कोलकाता में लाखों की भीड़ जुटती थी। लेकिन इस बार कोरोना के चलते रैली आयोजित नहीं हो सकी और पहली बार इस मौके पर वर्चुअल रैली का आयोजन किया गया। कोलकाता समेत पूरे राज्य भर में सभी 78693 बूथों पर इस बार कार्यक्रम आयोजित किया गया और यहां बड़े स्क्रीन पर लोगों ने ममता का भाषण सुना। ममता ने इस दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं और लोगों को साधने की कोशिश की। तृणमूल का दावा है कि 5 करोड़ लोगों ने ममता का भाषण सुना।