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विश्व में बंगाल को मिली नई पहचान, चंद घंटों में 33 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव

2017 में 'कम टू बंगाल, राइड दी ग्रोथ' के बाद अब 2018 में 'बंगाल मिंस बिजनेस' की मुनादी

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 17 Jan 2018 11:24 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 04:56 PM (IST)
विश्व में बंगाल को मिली नई पहचान, चंद घंटों में 33 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव
विश्व में बंगाल को मिली नई पहचान, चंद घंटों में 33 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव

कोलकाता, [जागरण संवाददाता]। यूरोपीय देश बंगाल के साथ अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने को उत्सुक हैं। मंगलवार को बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के पहले दिन इटली ने राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। वहीं फ्रांस भी बुधवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला है। इटालियन लेदर रिसर्च इंस्टीच्यूट, सीएलसी और टेनर्स एसोसिएशन, कोलकाता के बीच मंगलवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। इस बाबत विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि इस समझौता ज्ञापन के तहत बंगाल की चर्म इकाइयों को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी। इसे राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त है।

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गौरतलब है कि इटली भी बंगाल समिट में साझेदार देशों में शामिल है। उधर फ्रांस के भी बुधवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। फ्रांसीसी मंत्री-परामर्शदाता जीन मार्क फेनेट ने बताया कि उनके प्रतिनिधिदल में ऊर्जा, आधारभूत संरचना, पर्यटन, जल संसाधन जैसे क्षेत्रों से संबधित 12 कंपनियां शामिल हैं।

चंद घंटों में 33 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव

यहां से इतने के मिले निवेश प्रस्ताव

रिलायंस समूह- 5,000 करोड़ 

जेएसडब्ल्यू - 10,000 करोड़ 

अरामको - 4,000 करोड़

अदानी समूह - 10,000 करोड़ 

एडवेंट्स - 1,000 करोड

आरपी संजीव गोयनका समूह - 1,000 करोड

पोद्दार समूह - 1,000 करोड़

हीरानंदानी समूह- 1,400 करोड़ 

2017 में 'कम टू बंगाल, राइड दी ग्रोथ' के बाद अब 2018 में 'बंगाल मिंस बिजनेस' की मुनादी। निवेश की उम्मीद लिए कोलकाता से सटे राजारहाट-न्यूटाउन में मंगलवार से दो दिवसीय बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट का चौथा संस्करण शुरू हुआ। इस समिट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बड़ी उम्मीदें और सपने जुड़े हुए हैं क्योंकि ममता ने इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।

उन्होंने विदेशों का दौरा, उद्योगपतियों के घर जाकर उनसे मुलाकात करने से लेकर हर तरह की कोशिश की है। वहीं उद्योगपतियों व उद्यमियों ने भी ममता को निराश नहीं किया है। उद्योगपतियों से जहां एक ओर ममता को तारीफ मिली तो वेस्ट (पश्चिम) बंगाल को बेस्ट (सर्वोत्तम) बंगाल बनाने का नया सपना भी। समिट के पहले ही दिन चंद घंटो में 33 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव भी मिले।

हालांकि यह अंतिम आंकड़ा नहीं है। दो दिनों के समिट में कितना निवेश प्रस्ताव मिला, ममता सरकार की ओर से इसकी जानकारी बुधवार को दी जाएगी। राजारहाट-न्यूटाउन में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्व बांग्ला कंवेंशन सेंटर में भारत के अलावा 32 देशों के उद्योगपति व 3,000 से अधिक की तादाद में पहुंचे प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ममता ने दीप प्रज्ज्वलित कर समिट का शुभारंभ किया।

शुरू में ही रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी से लेकर आर्सेनल मित्तल के प्रमुख स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल और जेएसडब्ल्यू समूह के प्रमुख सज्जन जिंदल ने मंच से ममता की भूरि-भूरि प्रशंसा की, जो बंगाल के लिए बड़ी उपलब्धि है। मंच से ही कुछ उद्योगपतियों ने निवेश की घोषणा की तो कुछ ने पहले व बाद में निवेश का भरोसा दिया। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी ने सर्वप्रथम अपने संबोधन में राज्य में 5000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई और वेस्ट बंगाल को 'बेस्ट बंगाल' के नाम से नवाजा। वहीं जेएसडब्ल्यू समूह ने 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा के साथ ही दीदी (ममता) की जमकर प्रशंसा की। लक्ष्मी निवास मित्तल ने भी शिक्षा क्षेत्र में निवेश का भरोसा दिया। मित्तल की पत्नी भी सम्मेलन में मौजूद थीं।

एडवेंट्स समूह ने मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश और उद्योगपति संजीव गोयनका ने एक हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। उद्योगपति सरोज पोद्दार ने भी एक हजार करोड़ व हीरानंदानी समूह ने 1,400 करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी स्पाइस जेट के सीईओ अजय सिंह की ओर से सुंदरवन में सी प्लेन शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया। समिट शुरू होने से पहले सोमवार रात को ही गुजरात के अदानी समूह ने 10 हजार करोड़ व सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको की ओर से 4,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। 

गौरतलब है कि पिछली बार 2.35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले थे। इस बार यह आंकड़ा तीन लाख करोड़ को पार करने की ममता सरकार उम्मीद लगा रही है।

नहीं रही केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी 

उद्योग सम्मेलन में 2017 के बाद इस बार भी केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति नहीं रही। पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आने की बात थी लेकिन चार दिन पहले भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए हमले के बाद उनके समिट में भाग नहीं लेने का एलान कर दिया गया। हालांकि वर्ष 2016 के बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में चार बड़े केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, नितिन गडकरी और पीयूष गोयल शामिल हुए थे।


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