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West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल चुनाव की दिशा तय करेगा पांचवां चरण

West Bengal Assembly Election 2021 अगर छह जिलों की इन 45 विधानसभा सीटों के नतीजों को देखें तो पता चलता कि तृणमूल कांग्रेस ने 33 कांग्रेस ने पांच वाममोर्चा ने चार और दार्जिलिंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने तीन सीटें जीती थी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:23 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:24 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल चुनाव की दिशा तय करेगा पांचवां चरण
2019 में इन 45 सीटों पर भाजपा के खाते में गया था 45 फीसद वोट

जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव का पांचवां चरण दिशा तय करेगा। इस चरण में शनिवार को सूबे के उत्तर से लेकर दक्षिण बंगाल तक के छह जिलों की 45 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं। इसी के साथ बंगाल में सरकार बनाने के लिए जो जादुई आंकड़ा 148 है उसे पारकर 170 सीटों के जनादेश इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो जाएगा। इन सबके बीच यदि पांचवें चरण की 45 सीटों पर 2016 विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करते हैं तो यह पता चलता है कि इस चरण में कैसे दिशा तय हो जाएगी।

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बंगाल चुनाव में अभी तक चार चरणों का चुनाव संपन्न हुआ है। हर चरण में ¨हसा हुई और अब तक चुनावी ¨हसा में नौ लोगों की जान जा चुकी गई। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर टकराव चल रहा है। अब तक राज्य के मतदाताओं ने विधानसभा की कुल 294 सीटों में से 135 सीटों पर अपना फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है जबकि बाकी बचीं 159 सीटों पर 17 से 29 अप्रैल के बीच मतदान होने हैं। मतों की गिनती दो मई को होगी। 17 अप्रैल को जिन सीटों पर मतदान होना है वह तृणमूल कांग्रेस के लिए तो अहम है ही, भाजपा के लिए तो और भी खास है।

2019 में 23 पर तृणमूल तो 22 सीटों पर भाजपा ने बनाई थी बढ़त: अगर छह जिलों की इन 45 विधानसभा सीटों के नतीजों को देखें तो पता चलता कि तृणमूल कांग्रेस ने 33, कांग्रेस ने पांच, वाममोर्चा ने चार और दार्जिलिंग की गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने तीन सीटें जीती थी। भाजपा का इन क्षेत्र में खाता भी नहीं खुला था। परंतु, इस चुनाव के महज तीन वर्ष बाद ही भाजपा ने ऐसा सिक्का जमाया कि वोट प्रतिशत प्राप्त करने में तृणमूल कांग्रेस से भी आगे निकल गई।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को इन 45 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस से अधिक वोट मिले। भाजपा को 45 फीसद और तृणमूल को महज 41.5 फीसद ही वोट मिले थे। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव नतीजों के मुताबिक तृणमूल 23 सीटों आगे थी तो भाजपा 22 सीटों पर आगे थी। वहीं वाम-कांग्रेस एक भी विधानसभा सीट पर आगे नहीं थे। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह चरण सीटों के साथ-साथ पूर्व के चुनाव में प्राप्त मत प्रतिशत के हिसाब से भी इस चुनाव दिशा तय करेगा कि सत्ता की दौड़ में कौन आगे है?


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