Move to Jagran APP

West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोई योजना नहीं, सीएए लागू किया जाएगा: कैलाश विजयवर्गीय

West Bengal Assembly Election 2021 कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के इस दावे को रविवार को खारिज कर दिया कि अगर पार्टी बंगाल में सत्ता में आई तो एनआरसी का लागू करेगी जिससे लोगों की नागरिकता के अधिकार छीन जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 07:08 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 07:08 PM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोई योजना नहीं, सीएए लागू किया जाएगा: कैलाश विजयवर्गीय
बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोई योजना नहीं, सीएए लागू किया जाएगा: कैलाश विजयवर्गीय। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्य के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के इस दावे को रविवार को खारिज कर दिया कि अगर पार्टी बंगाल में सत्ता में आई तो एनआरसी का लागू करेगी, जिससे लोगों की नागरिकता के अधिकार छीन जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि पार्टी का इरादा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने और पड़ोसी देश में धार्मिक उत्पीड़न से भागकर भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का है। विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘हम चुनावों के बाद सीएए लागू करने को लेकर उत्साहित हैं, जैसा कि हमने अपने चुनाव घोषणापत्र (संकल्प पत्र) में वादा किया है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि हम उत्पीड़न का शिकार शरणार्थियों को नागरिकता देना चाहते हैं। अगर हम चुनाव जीतते हैं तो हमारी एनआरसी प्रक्रिया चलाने की कोई योजना नहीं है।’’

loksabha election banner

वहीं, तृणमूल कांग्रेस पर भाजपा के खिलाफ भ्रामक सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए विजयवर्गीय ने हैरानी जताई कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी सीएए का विरोध क्यों कर रही है जो कि कई लोगों को फायदा पहुंचा सकता है।इधर, प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार नए नागरिकता कानून से भारत में 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा जिनमें से 72 लाख से अधिक लोग बंगाल में हैं। बंगाल में दरअसल मतुआ समुदाय की अच्छी खासी आबादी है जो 1950 के बाद से मुख्यत: धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर राज्य में आए थे। इस समुदाय का प्रभाव नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना सहित अन्य जिलों में 70 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर है।

चुनाव आयोग पर उंगली उठाने को लेकर विजयवर्गीय ने ममता की आलोचना की

वहीं, चुनाव आयोग पर भाजपा की तरफ से काम करने का लगातार आरोप लगाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि यह विडंबना है कि तृणमूल सुप्रीमो ने तब आयोग पर ऊंगली नहीं उठाई जब उनकी पार्टी को लगातार दो बार चुनाव में जीत मिली। उन्होंने कहा कि बनर्जी के बेवकूफाना दावों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि हार को भांपते हुए तृणमूल, भाजपा के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रही है। वहीं, विधानसभा चुनावों में भाजपा की 200 से अधिक सीटों पर जीत पर भरोसा जताते हुए विजयवर्गीय ने इस बात को खारिज कर दिया कि पार्टी को बंगाल में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा न पेश करने का खामियाजा उठाना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि कई नेता राज्य में सत्ता की बागडोर संभालने में सक्षम हैं और चुनावों के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। हमने जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां कभी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं उतारा। हमारे लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है। सत्ता में आने पर विधायक दल शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करके मुख्यमंत्री उम्मीदवार पर फैसला लेगा।’’ भाजपा नेता ने दावा किया कि राज्य के लोग ‘असल परिवर्तन’ देखने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे लंबे समय से चल रही घुसपैठ की दिक्कतों, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति से उकता गए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.