West Bengal Assembly Election 2021: विवादित बयानों को लेकर तृणमूल प्रत्याशी सुजाता मंडल खां व भाजपा नेता सायंतन बसु के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की रोक
West Bengal Assembly Election 2021 विवादित बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने हुगली जिले की आरामबाग विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी सुजाता मंडल खां और भाजपा नेता सायंतन बसु के चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक लगा दी है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021: चुनाव आयोग ने विवादित बयानों को लेकर हुगली जिले की आरामबाग विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी सुजाता मंडल खां और भाजपा नेता सायंतन बसु के चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक लगा दी है। सुजाता मंडल खां ने अनुसूचित जाति के खिलाफ विवादित बयान देते हुए कहा था कि वे सभी भिखारी हैं, सिर्फ मांगते रहते हैं। ममता बनर्जी ने उन्हें इतना कुछ दिया है तो फिर वे उन्हें वोट क्यों नहीं देंगे? सुजाता मंडल खां ने आगे कहा था-एक कहावत है कि कोई स्वभाव से भिखारी होता है और कोई अभाव के कारण। अनुसूचित जाति के लोग स्वभाव से ही भिखारी हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक विकास मंत्री व भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने इसे लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी। आयोग की तरफ से पहले सुजाता मंडल खां को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। नोटिस के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर चुनाव आयोग की तरफ से यह कार्रवाई की गई है। दूसरी तरफ, भाजपा नेता सायंतन बसु ने कूचबिहार जिले के शीतलकूची में हुए फायरिंग कांड पर भड़काऊ बयान देते हुए कहा था कि ज्यादा खेल मत करो, वरना शीतलकूची जैसा खेल हो जाएगा।
इससे पहले दिसंबर, 2020 में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष व बंगाल के विष्णुपुर से भाजपा सांसद सौमित्र खां की पत्नी सुजाता मंडल खां ने पार्टी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गई थी। इसके कुछ देर बाद ही सौमित्र खां ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भेजने की घोषणा कर दी। एक दिन पहले उन्होंने तलाक का नोटिस भेज भी दिया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सौमित्र खां की जीत का श्रेय पत्नी सुजाता मंडल को ही दिया जाता है। दरअसल सौमित्र खां आपराधिक केस में फंसे थे। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें कोर्ट से जमानत तो मिली लेकिन क्षेत्र में प्रचार की मनाही थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में घुसने पर ही पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद उनके प्रचार का पूरा मोर्चा सुजाता ने ही संभाला। उन्होंने पूरे क्षेत्र में जोरदार प्रचार किया और अपने पति को जीत दिलाई। लेकिन अब नौबत तलाक पर आ गई है।