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West Bengal Assembly Election 2021: ममता बनर्जी के प्रचार पर 24 घंटे की रोक, चुनाव आयोग के खिलाफ धरने पर बैठेंगी टीएमसी सुप्रीमो

West Bengal Assembly Election 2021 चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 12 अप्रैल की रात आठ बजे से 13 अप्रैल की रात आठ बजे तक किसी भी तरह के प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:04 AM (IST)
West Bengal Assembly Election 2021: ममता बनर्जी के प्रचार पर 24 घंटे की रोक, चुनाव आयोग के खिलाफ धरने पर बैठेंगी टीएमसी सुप्रीमो
ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए लगा प्रतिबंध। फाइल फोटो

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal Assembly Election 2021: चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषणों को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ सोमवार को कड़ा कदम उठाते हुए उनके चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक लगा दी है। ममता सोमवार रात आठ बजे से मंगलवार रात आठ बजे तक किसी तरह का चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी। वे न तो चुनावी जनसभाओं में वक्तव्य रख सकेंगी, न रोड शो में हिस्सा ले पाएंगी और न ही संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित कर पाएंगी। ममता के अल्पसंख्यक वोट बंटने न देने संबंधी बयान पर आयोग ने यह कदम उठाया है। आयोग की तरफ से इस बाबत उन्हें नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा गया था। ममता ने नोटिस का जवाब दिया था, जिससे आयोग संतुष्ट नहीं नजर आया और यह कार्रवाई की है।

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चुनाव आयोग के खिलाफ धरने पर बैठेंगी ममता

ममता ने तुरंत ट्वीट कर आयोग के इस कदम को अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक करार देते हुए इसके प्रतिवाद में मंगलवार दोपहर 12 बजे से कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठने का एलान किया है।

चुनाव आयोग ने कही ये बात

आयोग ने पांच पन्नों के अपने निर्देश में कहा कि ममता बनर्जी को उनके भाषणों को लेकर कई बार सतर्क किया जा चुका है। वे आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठा चुकी हैं। वे ऐसी कई बातें कर रही हैं, जिससे बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगडऩे की आशंका है। आयोग ने ममता को भविष्य में ऐसे भाषणों से परहेज करने को लेकर सतर्क किया है, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़े।

जानें, क्या है मामला

गौरतलब है कि ममता ने गत तीन अप्रैल को हुगली जिले के तारकेश्वर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय से उनका वोट बंटने नहीं देने की अपील की थी। बंगाल में विरोधी राजनीतिक दलों, विशेषकर भाजपा ने इसकी चुनाव आयोग से शिकायत की थी।

जानिए, किसने क्या कहा

दूसरी तरफ तृणमूल ने आयोग के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इतिहास में यह काला दिन है।

वहीं, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि दिलीप घोष व राहुल सिन्हा जैसे भाजपा नेता लगातार भड़काऊ भाषण देते आ रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ आयोग की तरफ से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।


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