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Bengal Chunav 2021: संघ की तैयार पिच पर मोदी-शाह की जोड़ी कर रही दोहरे शतक के दावे

West Bengal Assembly Election 2021वर्ष 2018 तक संघ की मदद से 200 विस्तारक तैयार हो गए और उसी वर्ष पंचायत चुनाव में भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभर गई और 2019 के लोकसभा चुनाव का नतीजा सामने है। अब विधानसभा चुनाव की बारी है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 09:59 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 10:12 AM (IST)
Bengal Chunav 2021: संघ की तैयार पिच पर मोदी-शाह की जोड़ी कर रही दोहरे शतक के दावे
संघ के पिच पर मोदी-शाह की जोड़ी दोहरा शतक बनाती हैं या दीदी उन्हें आउट कर देंगी।

कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘खेला होबे’ और ‘खेला शेष’ जैसे जुमले खूब उछाले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी कहती हैं खेला होबे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, दीदी का खेला शेष। चुनाव का आधा सफर यानी चार चरणों में खून-खराबे के साथ 135 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है और भाजपा व तृणमूल नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। इस बीच दीदी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की क्लब हाउस चैट एप पर हुई बातचीत का एक ऑडियो सामने आया तो भाजपा के दावों को पंख लग गए।

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हालांकि पीके ने अगले ही पल यह कहते हुए भाजपा के उत्साह पर पानी डालने की कोशिश की कि 100 से अधिक सीटें भगवा ब्रिगेड नहीं जीतेगी और अगर जीत गई तो वे अपना पेशा छोड़ देंगे। पीके ने पत्रकारों के साथ बातचीत में मुस्लिम तुष्टीकरण और भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण की जो बातें कही हैं, उसमें और जमीनी हकीकत में काफी समानता है। भाजपा के प्रभाव विस्तार के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका काफी अहम है। बंगाल में संघ ने जो पिच तैयार की है, उस पर भाजपा का दोहरा शतक (200 से अधिक सीटों पर जीत) लगेगा या नहीं, यह दो मई को पता चल जाएगा।

नदिया जिले के कृष्णा नगर में शनिवार को चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल

इस बीच संघ की तैयार पिच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जमकर ‘खेल’ रहे हैं। इसकी एक बानगी अभी बीते सप्ताह पीएम मोदी की कूचबिहार में आयोजित चुनावी सभा में देखने को मिली थी। उन्होंने ममता के मुस्लिम एकजुट होने वाले बयान को लेकर कहा, ‘अगर मैं कहता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, भाजपा को वोट दो तो मुङो चुनाव आयोग ने नोटिस भेज दिया होता।’ मतलब मोदी जो कहना चाहते थे, कह गए। दूसरी ओर भाजपा नेता जमकर ‘जय श्रीराम’ के नारे बुलंद करते हुए 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। आखिर भाजपा नेताओं के इस विश्वास की वजह क्या है? जब इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की तो पता चला कि संघ ही वह ताकत और विश्वास है, जिसने बंगाल में कमल खिलने के लिए उर्वरा जमीन तैयार की है।

महानगर से लेकर छोटे-छोटे शहरों की गलियों और सुदूर गांव की पगडंडियों, खेत-खलिहानों में तृणमूल और वामपंथियों से दो-दो हाथ कर भाजपा के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने जमीन बनाई। यहां तक कि मोहन भागवत का पिछले कई वर्षो से बिना किसी हो-हल्ला के बंगाल आना, संगीतज्ञों से लेकर बुद्धिजीवियों, प्रभावशाली लोगों के घरों में जाना यह बताने को काफी है कि यहां कैसे तीन विधायक वाली भाजपा सत्ता के दौर में महज पांच साल में ही ममता की बराबरी में खड़ी हो गई।

पिछले माह खड़गपुर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने यूं ही अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की तारीफ नहीं की थी। इसके भी बड़े संकेत हैं। घोष संघ से आए नेता हैं। बंगाल में वैसे तो संघ लंबे समय से सक्रिय है। वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद संघ और भाजपा ने तय कर लिया कि अब पूरा जोर लगाने का समय आ गया है। दिलीप घोष ने तृणमूल को उसी की भाषा में जवाब देने की नीति अपनाई।

नदिया जिले के शांतिपुर में रविवार को रोड शो के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह। फाइल

वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में महज तीन सीटें जीतने वाली भाजपा को उम्मीद भी नहीं थी कि तीन साल बाद लोकसभा चुनाव में उसका वोट फीसद 40 के पार पहुंच जाएगा। इसके पीछे भी संघ ही था। वहीं कैलाश विजयवर्गीय और शिव प्रकाश जैसे नेताओं को बंगाल में पार्टी संगठन को मजबूती के लिए उतारा गया। वर्ष 2017 में भाजपा ने संघ की सलाह से ही पार्टी संगठन को पांच जोन में बांटा। फिर जिला कमेटियों पर ध्यान दिया गया। इसके बाद मंडल कमेटियों को सिर्फ 60 से 70 बूथ की जिम्मेदारी दी गई।

पहले एक कमेटी 210 से 270 बूथों को देखती थी। फिर शक्ति केंद्रों को मजबूत करने के लिए ऐसे विस्तारकों को चुना गया, जो अपने गृह जिले से अलग जिलों में जिम्मेदारी संभालें। वर्ष 2018 तक संघ की मदद से 200 विस्तारक तैयार हो गए और उसी वर्ष पंचायत चुनाव में भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभर गई और 2019 के लोकसभा चुनाव का नतीजा सामने है। अब विधानसभा चुनाव की बारी है। संघ के पिच पर मोदी-शाह की जोड़ी दोहरा शतक बनाती हैं या दीदी उन्हें आउट कर देंगी, यह दो मई को पता चलेगा।

[राज्य ब्यूरो प्रमुख, बंगाल]


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