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West Bengal: पार्थ और अनुब्रत की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी के सामने विकट स्थिति, अब पार्टी ने अपनाई आक्रामक शैली

शिक्षक नियुक्ति घोटाले में अपनी सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व मवेशी तस्करी कांड में अपने बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से बैकफुट पर आ गई तृणमूल कांग्रेस ने इस परिस्थिति का सामना रक्षात्मक के बदले अब आक्रामक तरीके से करने का फैसला किया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 12:16 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 12:16 PM (IST)
West Bengal: पार्थ और अनुब्रत की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी के सामने विकट स्थिति, अब पार्टी ने अपनाई आक्रामक शैली
पश्मिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। शिक्षक नियुक्ति घोटाले में अपनी सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व मवेशी तस्करी कांड में अपने बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से बैकफुट पर आ गई तृणमूल कांग्रेस ने इस परिस्थिति का सामना रक्षात्मक के बदले अब आक्रामक तरीके से करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर पार्टी के सांसद-विधायक तक ने आवाज बुलंद करनी शुरू की है। ममता ने रविवार को कोलकाता में एक जनसभा में अनुब्रत की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक केष्टो (अनुब्रत) को गिरफ्तार करने पर लाखों केष्टो तैयार होंगे।'

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 ममता की पार्टी के नेता उनसे भी एक कदम आगे निकल गए हैं और उन्होंने सीधे तौर पर विरोधी दलों को धमकाना शुरू कर दिया है। तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा कि जो पार्टी की ज्यादा आलोचना करेंगे, उनके चमड़े की खाल से जूते बनवाएंगे। वहीं पार्टी विधायक मदन मित्रा ने तृणमूल कार्यकर्ताओं को आलोचकों को लाठी से जवाब देने को कहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि लाठियों की व्यवस्था वे कर देंगे। मदन ने इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का नाम लेते हुए कहा था कि वे ज्यादा बातें न करें, वरना ऐसी स्थिति आ जाएगी कि उन्हें कमर में रस्सी व गले में बेल्ट बांधकर घुमाना पड़ेगा।

इसी तरह तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 'बदला नय, बदल चाई' (बदला नहीं, बदलाव चाहिए) का नारा दिया था। दरअसल उन्होंने गलती की थी। उन्हें बदला चाई कहना चाहिए था। तृणमूल विधायक असित मजुमदार ने कहा कि तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बारे में दुष्प्रचार करने वालों की धुलाई की जाएगी। वहीं बीरभूम जिले के तृणमूल नेता दुलाल राय ने चेतावनी दी कि अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी की खुशी में अगर कोई गुड़-बताशा बांटेगा, तो उसकी पीठ पर डंडे पड़ेंगे।  

सियासी विश्लेषकों का कहना है कि तृणमूल नेतृत्व सुनियोजित रणनीति के तहत ऐसा कर रहा है। पार्टी दबाव में आकर सिमटना नहीं चाहती, बल्कि आक्रामकता के साथ हालात से निपटना चाहती है। पार्थ व अनुब्रत की गिरफ्तारी निश्चित रूप से तृणमूल के लिए जबर्दस्त झटका है। विरोधी दल इसे लेकर सत्ताधारी पार्टी पर लगातार निशाना साध रहे हैं, जिससे उसके नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है। उसे मजबूत करने के लिए ही तृणमूल ने यह रणनीति अपनाई है। दूसरी तरफ बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने कहा कि चोरी करने पर जेल जाना ही पड़ेगा। ममता या उनकी पार्टी के नेता चाहे जो भी कह लें।

बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल के नेता अपना विनाश देखकर दिमागी संतुलन खो बैठे हैं। जनता सब देख रही है और इसका जवाब देगी।


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