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West Bengal : 10 महीनों में दर्ज एनआइए के 36 मामलों में अकेले बंगाल से 10, विशेष रुप से सक्रिय पुलिस

मामले मुख्य रूप से सक्रिय आतंकवादी मॉड्यूल माओवादी जाली नोट और बम विस्फोटों से संबंधित हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य पुलिस आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में एनआइए की गतिविधियों पर भी नजर रख रही है। देश की सुरक्षा के अलावा इसके पीछे कोई उद्देश्य नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 09:25 PM (IST)
West Bengal : 10 महीनों में दर्ज एनआइए के 36 मामलों में अकेले बंगाल से 10, विशेष रुप से सक्रिय पुलिस
विधानसभा चुनाव से पहले सारधा, रोज वैली, आयकर और बम विस्फोटों के मामलों की जांच में तेजी आएगी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस साल के पहले 10 महीनों ( जनवरी से अक्टूबर) में आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी एनआइए ने देश भर में 36 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें अकेले बंगाल से 10 हैं। मामले मुख्य रूप से सक्रिय आतंकवादी मॉड्यूल, माओवादी, जाली नोट और बम विस्फोट से संबंधित हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य पुलिस आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में एनआइए की गतिविधियों पर भी नजर रख रही है। 

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देश की सुरक्षा के अलावा कोई उद्देश्य नहीं है

एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी जिन पर आतंकवाद दमन की विशेष जिम्मेदारी है, ने कहा कि मामलों को राज्य के साथ संपर्क में रखकर ही दर्ज किया गया है। उनका दावा है कि देश की सुरक्षा के अलावा इसके पीछे कोई उद्देश्य नहीं है। 

अलकायदा के उग्रवादी मॉड्यूल से जुड़े दो केस

एनआइए सूत्रों ने दावा किया कि दर्ज किए गए 10 मामलों में कोलकाता और सिलीगुड़ी में दो नकली नोट से संबंधित मामले, पश्चिम मेदिनीपुर में माकपा के दो नेताओं की हत्या का मामला, भुवनेश्वर में राजधानी एक्सप्रेस के हाईजैक का मामला, बदुरिया में लश्कर-ए-तैयबा और मुर्शिदाबाद में अलकायदा के उग्रवादी मॉड्यूल से जुड़े दो मामले शामिल हैं। 

जरूरत पड़ने पर हाथ में ले सकती है मामला

अन्य चार मामले बम विस्फोटों से संबंधित हैं। एनआइए राज्य के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोटों के चार मामलों की जांच कर रही है, जिनमें नैहाटी, मणिकचक, मालदा तथा बीरभूम में विस्फोट की घटनाएं शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पिछले दिनों कोलकाता के दमदम और बेलेघाटा में हुए विस्फोटों के मामलों को भी एनआइए अपने हाथ में ले सकती है। 

दावा-क्राइम मामलों की जांच में तेजी आएगी

एनआइए अधिकारियों का दावा है कि 10 मामलों की सख्ती से जांच की जा रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि विधानसभा चुनाव से पहले सारधा, रोज वैली, आयकर और बम विस्फोटों के मामलों की जांच में तेजी आएगी।


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