यह जानना जरूरी है कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को किस सूरत में ले जाना है अस्पताल
कोरोना के मरीजों के इलाज में दिन-रात जुटीं डॉक्टर संजुक्ता दत्ता ने कई उलझनों को किया दूर कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मरीजों के घर में इलाज को लेकर दी महत्वपूर्ण सलाह
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। देश-दुनिया में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है। ऐसे में सरकारें भी कह रही हैं कि कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मरीज घर में ही अपना इलाज कराएं, हालांकि इसे लेकर बहुत सी उलझनें हैं। ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं कि उनके परिवार के किसी सदस्य में कोरोना के हल्के लक्षण देखे जाने पर घर में उसका इलाज कैसे कराना है।
फोर्टिस हास्पिटल, आनंदपुर में दिन-रात कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटीं वहां की इमरजेंसी सर्विसेस की प्रमुख डॉक्टर संजुक्ता दत्ता ने ऐसी कई उलझनों को दूर किया हैं। उन्होंने कहा-'इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि कोरोना की अब तक कोई निश्चित दवा नहीं है। अस्पतालों में कोरोना के जो मरीज आ रहे हैं, उन सभी का उनके शारीरिक लक्षणों के मुताबिक दवा देकर इलाज किया जा रहा है।
मसलन, अगर किसी को तेज बुखार है तो उसे बुखार की दवा दी जा रही है और जिन्हें सर्दी-खांसी या बदन दर्द की शिकायत है, उन्हें उसी की दवा दी जा रही है। घर में इलाज कराने वाले कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर भी यही बात लागू होगी। कुछ गूढ़ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। मरीज का कमरा अलग होना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों को उससे दूरी बनाकर दवा और भोजन देना चाहिए। भोजन में पौष्टिक चीजें दी जानी चाहिए। घर में पका हल्का भोजन सबसे उत्तम है। कोरोना के मामलों में डायरिया के भी लक्षण देखने को मिलते हैं इसलिए मरीज को वही भोजन दिया जाना चाहिए, जो आसानी से पच जाए। मसालेदार और बाहर की खाने-पीने की चीजों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।'
डॉक्टर दत्ता ने आगे कहा-'यह जानना सबसे महत्वपूर्ण है कि घर में इलाज करा रहे कोरोना के मरीज को किस सूरत में अस्पताल ले जाना है। कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाते हैं लेकिन सर्दी-खांसी, बुखार, बदन दर्द व अन्य लक्षणों के दूसरे हफ्ते में प्रवेश करने पर भी बरकरार रहने व क्रमशः बढ़ते जाने पर देर न करते हुए मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। अगर किसी को सांस लेने में जरा भी तकलीफ हो रही हो तो उसे पहले दिन ही अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। सांस लेने में दिक्कत कोरोना के सबसे गंभीर लक्षणों में से एक है। उम्रदराज लोग, हृदय रोग पीड़ित और शुगर व उच्च रक्तचाप की समस्या वालों में लक्षण थोड़े से बढ़ने पर ही उन्हें अस्पताल ले जाना चाहिए।'
सामान्य फ्लू व कोरोना को लेकर उलझन पर डॉक्टर दत्ता ने कहा-'अभी वायरल फ्लू का भी मौसम है। बिना टेस्ट कराए यह कह पाना बेहद मुश्किल है कि लक्षण कोरोना के हैं या इंफ्लूएंजा के। हम लक्षणों के मुताबिक दवा खाने की सलाह देंगे और लक्षण बढ़ने पर अस्पताल ले जाने को कहेंगे।' ठंडी चीजों से परहेज करने की बातों पर डॉक्टर दत्ता ने कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि ठंडी चीजें खाने से कोई कोरोना संक्रमित हो सकता है।