हथियार आपूर्ति कांड: 10 सालों में हो चुकी है करोड़ों के हथियार की सप्लाई
इन लोगों ने कार्बाइन के अलावा इंसास, एसएलआर जैसे सेना के लिए बने बड़े हथियारों को भी निकालकर माओवादियों तक पहुंचाया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। इच्छापुर राइफल फैक्ट्री में सेना के लिए बनने वाले अत्याधुनिक हथियार निकालकर माओवादियों के पास सप्लाई करने के मामले में जांच के लिए कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) पड़ोसी राज्यों में जा पहुंची है। इसकी जानकारी एसटीएफ के उपायुक्त (डीसी) मुरलीधर शर्मा ने दी है।
उन्होंने बताया कि राइफल फैक्ट्री में सेना के लिए बने इंसास, एसएलआर, कार्बाइन समेत रिवाल्वर आदि हथियारों को कोलकाता आकर ले जाने वाले बिहार के दोनों कुख्यातों अजय पंडित और जयशंकर पांडे से पूछताछ में पता चला है कि बिहार-झारखंड समेत अन्य राज्यों में इनका एक बड़ा गिरोह है।
अन्य राज्यों की राइफल फैक्टि्रयों से बंदूकें आदि निकालकर ये लोग एक दूसरे की मदद से माओवादियों, नक्सलियों, माफिया गिरोह, उग्रवादियों व अन्य चरमपंथी संगठनों को उंची कीमत पर बेचते थे। वर्ष 2008 से इस कारोबार में ये लोग जुटे हुए हैं। पता चला है कि इन 10 वर्षो में इन लोगों ने करोड़ों रुपये का हथियार बंगाल व अन्य राज्यों से माओवादियों तक पहुंचाया है। बिहार में इनके कई अहम सहयोगी हैं। जांच में यह भी पता चला है कि दो सालों पहले ये लोग 16 इंसास और 4 एसएलआर बंदूकें तो ले ही गए थे, लेकिन बीच-बीच में ऐसे ही बड़े हथियारों को राइफल फैक्टि्रयों से निकलवाकर ले जाते रहे हैं।
बिहार-झारखंड में सक्रिय गिरोह पर कसेगा नकेल
मुरलीधर ने बताया कि इसकी जांच व इनके अन्य साथियों की शिनाख्त के लिए ही एसटीएफ की टीम इन राज्यों में गई हैं। पटना एसटीएफ व झारखंड की सुरक्षा एजेंसियों के साथ इनसे मिली जानकारी को विस्तार से साझा किया गया है ताकि इनके अन्य सहयोगियों को जल्द से जल्द दबोचा जा सके। एसटीएफ सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि बिहार व झारखंड में सक्रिय नक्सल समूहों के हथियार खरीद की तरकीब के बारे में भी इन लोगों से काफी कुछ जानकारी मिली है। इसे भी इन राज्यों की पुलिस के साथ साझा किया गया है।
पूर्वोत्तर समेत पंजाब व दक्षिण भारत में भी जांच
बिहार और झारखंड के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में भी एसटीएफ की टीम रवाना हुई है। पंजाब व दक्षिण के कुछ राज्य भी इन तस्करों के अड्डे हैं। इन राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों से भी एसटीएफ ने संपर्क साधा है। इधर मामले में गिरफ्तार बिहार के दोनों कुख्यातों समेत राइफल फैक्ट्री के दोनों जूनियर वर्क्स मैनेजरों व दो अन्य ठेका कर्मियों से लगातार पूछताछ की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि एसटीएफ ने रविवार को इच्छापुर राइफल फैक्ट्री में बने कार्बाइन और सात रिवाल्वर के साथ बिहार के दो कुख्यात अपराधियों अजय पंडित और जयशंकर पांडे के साथ उमेश राय और कार्तिक साव नाम के दो ठेका कर्मियों को बाबूघाट से गिरफ्तार किया था। उनकी निशानदेही पर सुशांत बसु और सुखदा मुर्मु नाम के दो जूनियर वर्क्स मैनेजरों को भी उसी रात धर दबोचा गया था।
इन लोगों ने कार्बाइन के अलावा इंसास, एसएलआर जैसे सेना के लिए बने बड़े हथियारों को भी निकालकर माओवादियों तक पहुंचाया है। इन्हीं हथियारों के जरिए नक्सली अर्द्धसैनिक बलों पर हमला करते रहे हैं। लोकतंत्र से इतर बंदूकों के दम पर सत्ता हासिल करना और उग्रवाद फैलाना ही इन समूहों का मुख्य मकसद रहा है।