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पंचायत चुनाव में तृणमूल की जय-जय

-माकपा व कांग्रेस को पछाड़ भाजपा बना मुख्य विपक्षी दल -तृणमूल निकली काफी आगे, करीब 90 फीस

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 09:42 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 09:42 PM (IST)
पंचायत चुनाव में तृणमूल की जय-जय
पंचायत चुनाव में तृणमूल की जय-जय

-माकपा व कांग्रेस को पछाड़ भाजपा बना मुख्य विपक्षी दल

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-तृणमूल निकली काफी आगे, करीब 90 फीसद सीटों पर जीत

-ग्राम पंचायत, पंचायत समीति के मुकाबले जिला परिषद में तृणमूल अव्वल

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ग्राम पंचायत- कुल सीट 48650/ चुनाव हुए-31836

तृणमूल काग्रेस -20103

भाजपा -5293

वाममोर्चा - 1047

कांग्रेस -969

अन्य - 1700

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पंचायत समिति - कुल सीट 9217, चुनाव हुए 6125

तृणमूल काग्रेस - 2399

भाजपा - 244

वाममोर्चा - 45

कांग्रेस -27

अन्य -48

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जिला परिषद कुल सीट 825, चुनाव हुए 622

तृणमूल काग्रेस - 88

भाजपा -2

वाममोर्चा -1

कांग्रेस -0

अन्य - 0

जागरण संवाददाता, कोलकाता : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में तृणमूल का दबदबा बरकरार है। सोमवार को एक चरण में हुए पंचायत चुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए, जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भारी जीत मिली है। तृणमूल ने ग्राम पंचायतों की 80 फीसद और पंचायत समितियों की 90 फीसद, जबकि जिला परिषद की सत प्रतिशत सीटें जीतने में कामयाब रही है। भाजपा ने वाममोर्चा और कांग्रेस को पछाड़ दूसरे स्थान पर पहुंच गई है और मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है। वहीं वाममोर्चा और काग्रेस चुनाव जीतने में हाशिए पर पहुंच गई हैं। इनमें से कुछ सीटें ऐसी है, जहां निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है।

राज्य के 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सोमवार को जिला परिषद की 621, पंचायत समिति की कुल 9217 में से 6158 सीटों के लिए, जबकि ग्राम पंचायत की कुल 48,650 सीटों में से 31,836 सीटों के लिए एक चरण में चुनाव हुआ था। बाकी की करीब 34 फीसद सीटों पर तृणमूल उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। क्योंकि, यहां विपक्षी उम्मीदवार नामांकन नहीं कर पाए थे। हालांकि, उक्त सीटों पर सुप्रीम कोर्ट जीत घोषित करने पर रोक लगा रखी है। दो अप्रैल को नामाकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से हिंसा में करीब 40 लोग मारे जा चुके हैं। राज्य चुनाव आयोग की ओर से 291 केंद्रों पर मतगणना की व्यवस्था की गई थी।

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मतगणना के दिन भी छिटपुट ¨हसा

नामांकन दाखिल करने से लेकर चुनाव के दिन और इसके बाद मतगणना के दिन भी ¨हसा का दौर जारी रहा। हालांकि मतगणना के दिन कुछ जगहों पर ही गड़बड़ी दिखाई दी जिस पर तत्काल प्रभाव से संज्ञान लिया गया। दक्षिण दिनाजपुर के हरिरामपुर मतगणना केंद्र में असामाजिक तत्वों ने ताडव मचाया और बैलट बॉक्स को बाहर फेंक दिया हालाकि, कुछ ही देर बाद भारी पुलिस बल के साथ डीएसपी पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। पुरुलिया जिले के काशीपुर में मतगणना केंद्र के बाहर मारपीट की गई जिसमें ब्लॉक काग्रेस अध्यक्ष कार्तिक मालाकार घायल हो गए। भाजपा ने तृणमूल काग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि हार के डर से तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मतगणना केंद्र पर कब्जा कर लिया और विरोधी दलों के लोगों को अंदर नहीं जाने दिया गया। उधर, जलपाईगुड़ी पॉलिटेक्नीक के एक मतगणना केंद्र से पुलिस ने 40 मोबाइल फोन जब्त किया। कृष्णनगर के हांसखाली मतगणना केंद्र में काग्रेस, माकपा और निर्दलीय प्रत्याशियों को घुसने से रोका दिया गया। इसके विरोध में 30 उम्मीदवार जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने धरना पर बैठ गए। मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला में अपराधियों का ताडव चला और आग्नेयास्त्र और बम-गोली के साथ इलाके में बदमाश घुमते नजर आए। मोहम्मदबाजार स्थित मतगणना केंद्र पर एक पुलिसकर्मी बीमार हो गया जिसे अस्पताल पहुंचाया गया। कूचबिहार में मतगणना की गड़बड़ी की शिकायत को लेकर भाजपा उम्मीदवार धरना पर बैठे गए। हल्दीबाड़ी थाना के सामने भाजपा के एजेंटों ने धरना दिया। आरोप लगाया कि तृणमूल काग्रेस के कार्यकर्ता उन्हें मतगणना केंद्र तक नहीं पहुंचने दिया गया। विपक्षी दलों ने बैरकपुर ग्राम पंचायत के 6 ब्लॉक में मतगणना का बहिष्कार किया। इन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मतगणना केंद्र में जाने से रोका गया।

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किसने क्या कहा

तृणमूल काग्रेस के उत्तर 24-परगना जिला अध्यक्ष और राज्य के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि तृणमूल काग्रेस की आधी में विपक्ष का सफाया हो गया है। लोगों ने भारी तादाद में सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में मतदान किया है। दूसरी ओर, राज्य में पाव जमाने का प्रयास कर रही भाजपा ने इन चुनावों व वोटों की गिनती को तमाशा करार दिया है। भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि पंचायत चुनाव एक तमाशा था। वोटों की गिनती भी महज तमाशा ही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल की गुंडागर्दी के बावजूद पार्टी हर जगह दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने राज्यपाल से मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि नतीजे पहले से ही प्रत्याशित थे क्योंकि सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी दलों को पंचायत चुनाव में शामिल नहीं होने की भरसक कोशिश की।

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कई जगह निर्विरोध चुने जा चुके हैं तृणमूल के उम्मीदवार

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में 48,650 ग्राम पंचायत में से 11,520 सीटों पर तृणमूल के प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इसी तरह 9,217 पंचायत समिति की सीटों में से 2,059 सीटों पर तृणमूल काग्रेस के नेता बिना चुनाव लड़े जीत चुके हैं तो वहीं 825 जिला परिषद की सीटों में 93 पर ममता बनर्जी की पार्टी के नेता निर्विरोध जीत चुके हैं यह वे सीटें हैं जहा विपक्षी दलों ने उम्मीदवार ही खड़ा नहीं किया था।


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